921 दिन के लिए सोने के पाए में शनि, वृष राशि वालों की चमकेगी किस्मत
punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 02:07 PM (IST)
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Satrun Transit 2025: 29 मार्च 2025 को शनि देव का गोचर हो चुका है। शनि मीन राशि से अपना गोचर करना शुरू कर चुके हैं। यह गोचर 23 फरवरी से 2028 तक होगा। यह लगभग 1061 दिन यानी कि 1061 दिन का समय है। जब शनि मीन राशि में गोचर करेंगे। कोई भी ग्रह जब गोचर करता है किसी राशि में तो वक्री होते हुए आगे- पीछे भी होता है। उसकी मूवमेंट जो है वह पीछे हो जाती है। 2027 में शनि के साथ भी ऐसा ही होगा। 3 जून 2027 को शनि वक्री अवस्था में चलते हुए कुंभ राशि में आएंगे और 20 अक्टूबर तक यहीं पर रहेंगे। यह लगभग 140 दिन का समय है। जब शनि मीन राशि में गोचर करते हुए वक्री अवस्था में चलके कुंभ राशि में आएंगे। यह 140 दिन का समय है। यह लगभग 921 दिन का पीरियड होगा। जब शनि का गोचर मीन राशि का होगा।
बाकी समय के लिए शनि कुंभ राशि में रहेंगे। 921 दिन के दौरान जो वृषभ राशि के जातक हैं उनके लिए कैसा रहने वाला है। जो वृषभ राशि है उसके लिए शनि 11वें भाव में गोचर करेंगे। यह फल अच्छा है। लेकिन शनि का फल जो है वह तीन तरीके से देखा जाता है और तीन तरीके से उसको काउंट किया जाता है। किसी भी कुंडली में जब शनि का गोचर देखा जाता है। सबसे पहले तो यह देखा जाता है कि शनि की ढई या साढ़ेसाती तो नहीं चल रही। साढ़ेसाती होती है शनि चंद्रमा के एक घर पहले यानी कि 12वें भाव में या चंद्रमा के ऊपर या चंद्रमा से एक घर आगे चल रहे हो तो उसे साढ़ेसाती कहा जाता है।
चंद्रमा से चौथे चल रहे हो तो चौथे ढैया होती है चंद्रमा से अष्टम चल रहे हो तो अष्टम ढैया होती है। ये एक्सटेंडेड पैरामीटर है जो शनि का चंद्रमा से गोचर देखा जाता है। दूसरा जो पैरामीटर है उसको अष्टक वर्ग कहा जाता है। अष्टक वर्ग वह स्थिति होती है जब शनि जब शनि आपकी कुंडली में जहां पर उसकी उनकी प्लेसमेंट है। वहां से शनि ने अगली राशि को कितने मार्क्स दिए हैं। आपकी कुंडली में भी 12 राशि में शनि ने चार से ज़्यादा मार्क्स दिए हैं तो यह गोचर आपके लिए अच्छा होता है। क्योंकि 12 राशि में शनि का गोचर होगा। वह भले ही ढैया चल रही हो या साढ़ेसाती चल रही हो लेकिन अष्टक वर्ग में यदि यदि शनि अच्छे हैं तो शनि आपको अच्छे फल करते हैं। यह दूसरा पैरामीटर होता है। तीसरे पैरामीटर में देखता जाता है कि कौन सा चल रहा है। वृषभ राशि के जातकों के लिए जो अगले 921 दिन है वह शनि सोने के पाए में रहेंगे। जब शनि गोचर करते हैं, तो उस समय चंद्रमा की पोजीशन क्या होती है। शनि के ट्रांजिशन चार्ट जो 29 मार्च 2025 हो चुका है। यहां पर शनि का गोचर मीन राशि में होगा। चंद्रमा भी मीन राशि में आ जाएंगे।
वृषभ राशि में जब 11वें हाउस में शनि का गोचर होना का मतलब होता है कि शनि सोने के पाए में चले जाएंगे। शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव को मजबूत कर देंगे। शनि का गोचर 11वें भाव में है। यदि हम काल पुरुष की कुंडली बनाते हैं, जो मेष लग्न की होती है। वहां पर भी शनि 11वें भाव में अपने भाव में होते हैं। 11वें भाव का गोचर शनि का अच्छा रहेगा। सबसे पहले वृषभ राशि एक ऐसी राशि है। जिसके लिए शनि योगाकारक ग्रह हो जाते हैं क्योंकि वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि 10वें भाव का भी स्वामी है और 11वें भाव के भी स्वामी होते हैं। यहां पर भाग्य स्थान के भी स्वामी हैं। भाग्य स्थान में शनि की मकर राशि आ जाएगी और आपके कर्म स्थान में शनि की जो है वह कुंभ राशि आ जाएगी। यहां पर शनि योगाकारक एक त्रिकोण का भाव है। एक केंद्र का भाव है तो यहां पर शनि योगाकारक फल करते हैं। आपके लिए सबसे पहले तो यह है शनि की महादशा में आपको उसके अच्छे रिजल्ट मिलते हैं। अब जब गोचर में आ गए हैं तो शनि क्या करेंगे 9, 10, 11 ये तीन ही भाव है जो लाइफ में बहुत जरूरी होते हैं। भाग्य का स्थान कर्म का स्थान और आय का स्थान यह तीनों के फल आपके लिए अच्छे करेंगे। अब यहां पर जब भाग्य का फल शनि करेंगे तो सबसे पहले तो मकर राशि जहां पर भाग्य स्थान में आ रही है। भाग्य का फल जब करेंगे कोई भी प्रोजेक्ट आप करेंगे 921 दिन के दौरान आपको डेफिनेटली उसमें सफलता मिलती हुई नजर आएगी। जो काम आपने पिछले दो या 3 साल में किया है वृषभ राशि के जितने भी जातक हैं उनको इसका फल अब मिलने का समय आ गया है।
29 मार्च 2025 के बाद शनि उसका फल करना शुरू कर देंगे यानी कि आपकी स्ट्रगल का जो रिजल्ट है वह आपको डेफिनेटली वह मिलना शुरू होगा। कोई भी नया प्रोजेक्ट करेंगे वहां पर आपको सक्सेस मिलती हुई नजर आएगी। 29 मार्च 2025 को आ चुका है। वृषभ राशि के जातकों के लिए स्ट्रगल कम होगी और सक्सेस ज्यादा हो जाएगी। यहां पर शनि दशम के भी स्वामी हैं। दशम के कारक ग्रह भी होते हैं क्योंकि यह कर्म का भाव है। कर्म के कारक ग्रह शनि हैं, तो निश्चित तौर पर कारोबार में वृद्धि करने का काम करेंगे। आपकी नौकरी पर आपका डोमिनेंस बढ़ाएंगे। आपका प्रभाव बढ़ाएंगे। आपको डेफिनेटली यहां पर ग्रोथ मिलती हुई नजर आएगी। 11th भाव जो आपकी एलिवेशन का भाव होता है यह आय का भाव होता है। यह इच्छाओं का भाव होता है। लाइफ में जितना भी आप ग्रोथ करते हैं सारी 11वें हाउस से आती है।11वें भाव में शनि खुद बैठे हैं। जिस भाव में शनि बैठते हैं। उस भाव से संबंधित फल जो है वह मजबूत कर देते हैं। 11वें भाव आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा का भाव है। यह आपकी एलिवेशन का भाव है और आपकी आय का भाव है। आपके इच्छाओं का भाव है और इच्छाओं की पूर्ति जब आप करना शुरू करते हैं। आप उसके लिए कर्म करते हैं, तो डेफिनेटली आपकी इच्छाओं की पूर्ति होती है। यहां पर नौवा, 10वां और 11वां यह कुंडली के तीन सबसे इंपॉर्टेंट भाव होते हैं।
यदि यहां पर शुभ गोचर में चले जाए प्लनेट शुभ तो जाए तो आपके लिए बहुत सारी अच्छी चीजें लाइफ में मिलती हुई नजर आएंगी। शनि के साथ-साथ गुरु का गोचर भी आपके लिए अच्छा रहने वाला है क्योंकि गुरु धन भाव में गोचर करेंगे। यहां से बैठकर आपके 10वें हाउस को भी वह एक्टिव करेंगे। शनि का गोचर आपके लिए जो सोने के पाए में हो गया है वो डेफिनेटली बहुत अच्छा है। आपको इसके बहुत अच्छे रिजल्ट मिलते हुए नजर आएंगे। लेकिन एक चीज का थोड़ा सा जरूर ध्यान रखिएगा यदि आप मैरिड हैं और आपकी संतान है, तो संतान पक्ष से आपको कुछ न कुछ गड़बड़ होती हुई नजर आ सकती है। गाड़ी थोड़ी सी धीमी चलाएं और किसी भी मामले में फंसने से बचें। चंद्रमा के ऊपर शनि की दृष्टि रहेगी। ऐसी स्थिति में आप थोड़ा सा फंस सकते हैं। कई बार बंदा फंस जाता है वहां पर थोड़ा सा लिबरल स्टैंड लेंगे तो चीजें स्मूथ होती हुई चली जाएंगी। शनि का गोचर आपके लिए बहुत अच्छा फल करेगा। शनि क्योंकि आपके लिए योगाकारक ग्रह हैं। आपको इसका डेफिनेटली फल वह बहुत अच्छा मिलेगा। लेकिन यदि आपकी कुंडली में शनि की पोजीशन खराब है। आपकी कुंडली में यदि शनि सूर्य के साथ हैं पीड़ित है। अस्त है मंगल के साथ हैं। राहु केतु एक्सिस में है। आठवें भाव में पड़े हुए हैं या 12वें भाव में पड़े हुए हैं, तो शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
उपाय- ओम शन शनिश्चरय नमः का जप या बीज मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से आपको अधिक फल मिलेगा। शनिवार के दिन शाम के समय काले तिल या उड़द की दाल का दान करें। इसके अलावा सरसों का तेल जो है वह शनि शिला पर अर्पित किया करें। यदि आपकी फ़ैक्ट्री है, तो उसमें काम करने वाले लेबर के साथ अच्छा तालमेल बनाएं रखें। अगर कुंडली में शनि की पोजीशन अच्छी है यानी कि केंद्र में है पहले भाव, चौथे भाव, सातवें भाव, 10वें भाव, त्रिकोण के भाव, पंचम, नौवें में ,11वें भाव में है तो आप शनि का नीलम भी धारण कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको डेफिनेटली अच्छे मिलेगा।
नरेश कुमार
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