दिवाली और रंगोली का क्या है Connection, घर में बनाने से मिलते हैं कौन से लाभ?
punjabkesari.in Wednesday, Oct 19, 2022 - 01:51 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला दिवाली का त्यौहार खुशियो का त्यौहार माना जाता है। तो वहीं बात करें इससे हिंदू धर्म की कई तरह की मान्यताओं जुड़ी हुई है। जिनके चलते कई युगों से दिवाली का त्यौहार मनाया जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार जहां इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विधान है तो वहीं दिवाली के त्यौहार को खासतौर पर साफ-सफाई से जोड़कर देखा जात है। इतना ही नहीं दिवाली के शुभ अवसर पर घर आदि को सजाने की भी परंपरा काफी समय से चली आ रही है। इस दौरान जहां लोग एक तरफ अपने घरों को विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी डिजाइन वाली लाइट्स आदि से सजाते हैं तो वहीं दिवाली की साज सजावट के सामान में सबसे महत्वूपर्ण रंगोली को माना जाता है। लोग अपने घर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए अपने घर में तरह तरह की रंगोली बनाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि इस दौरान वास्ति के कुछ नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। तो अगर आप नहीं जानते तो आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार रंगोली बनाते समय किन बातों का ध्यान रखने से जीवन में खुशियां, समृद्धि और उपलब्धियां लेकर आती है साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
रंगोली बनाने से घर पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में शुभ अवसर पर। विभिन्न रंगों के माध्यम से रंगोली बनाने का रिवाज़ चला आ रहा है। शुभता का प्रतीक समझी जाने वाली रंगोली आटा, चावल, हल्दी, कुमकुम, फूल-पत्तियों। और अनेक प्रकार के रंगों से अलग-अलग डिजाइन में बनाई जाती है।
यहां जानें वास्तु के हिसाब से रंगोली बनाने की सही दिशा-
माना जाता है कि पूर्वमुखी घर के मुख्यद्वार पर रंगोली बनाने से घर के वातावरण में विकास। और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। कहते हैं कि पूर्व दिशा में अंडाकार डिजाइन बनाने से जीवन में विकास के नए मार्ग खुलते हैं। इस दिशा में रंगोली बनाने के लिए सात्विक। और ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी आदि का इस्तेमाल करने समृद्धि को बढ़ाता है।
अगर किसी का घर उत्तर मुखी हो तो। उसके लिए जल के गुण से मिलता-जुलता डिजाइन बनाने से। उन्नति के नए अवसरों मिलते हैं। बता दें कि इस दिशा में पीले, हरे, आसमानी। और नीले रंगों का प्रयोग करना बहुत शुभ माना गया है।
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दक्षिण मुखी घर में खूबसूरत आयताकार पैटर्न की रंगोली बनाना शुभ माना गया है। इस दिशा की रंगोली में रंग भरने के लिए गहरा लाल, नारंगी, गुलाबी। और बैंगनी रंगों का प्रयोग करने से जीवन में सुरक्षा, यश व आत्मविश्वास बढ़ता है।
वास्तु के हिसाब से पश्चिम मुखी घर में।. सफ़ेद रंगों के इस्तेमाल करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ-साथ लाल, पीला, भूरा, हल्का हरा इन रंगों का प्रयोग भी कर सकते हैं।
तो वहीं अगर रंगोली बनाने के लिए रंग नहीं मिल पा रहे हों तो। एक बेहद खूबसूरत तरीका यह भी है कि। रंगबिरंगे फूलों और पंखुड़ियों का प्रयोग करके भी रंगोली बनाई जा सकती है। यह न केवल आंखों को खूबसूरत दिखाई देती है। बल्कि इसकी महक से मन भी इस खूबसूरती को महसूस करने लगता है। बता दें कि दक्षिण भारत में खासतौर से इस तरह की रंगोली बनाई जाती है और अब हर जगह ऐसी रंगोली बनाने का प्रचलन है।
इसी के साथ अगर बाजार में मिलने वाली रंगोली का उपयोग नहीं करना चाहते। तो घर में प्राकृतिक रंग तैयार करके।रंगोली बनाई जा सकती है। इसके लिए घर पर ही सूजी व चावल के आटे को अलग-अलग रंगों में रंग सकते हैं। इसके अलावा हल्दी, मसूर की दाल व बेसन का उपयोग भी किया जा सकता है।