चाणक्य नीति सूत्र: ‘विद्या से विद्वान की ख्याति’
punjabkesari.in Tuesday, Dec 15, 2020 - 04:41 PM (IST)

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कोई व्यक्ति नहीं चाहता कि उसके जीवन में कुछ ऐसा घटित हो जिससे उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाए। मगर किस्मत को पलटा भी नहीं जा सकता। कई बार हमारे जीवन में ऐसा बहुत कुछ हो जाता है जिसकी हमने आशा भी नहीं की होती। किसी की नौकरी चली जाती हैं तो कोई व्यक्ति अपना सब कुछ खो बैठता है। धनी व्यक्ति के घर से अगर धन चोरी हो जाए तो उसकी मानो दुनिया तबाह हो जाती है।
अक्सर हम उसे ही धनी बोलते हैं जिसके पास अपार धन-संपत्ति होती है। मगर क्या आप जानतें सबसे अमीर कौन होता है? अगर नहीं तो चलिए आचार्य चाणक्य की नीतियों के माध्यम से समझते हैं उपरोक्त की गई बातों का क्या मतलब है। और अगर अधिक पैसे वाला इंसान अमीर नहीं होता तो सबसे अधिक धनी किसे कहा जाता है।
विद्या चौरैरपि न ग्राह्या।
हमारे सभी धनों को या तो चोर चुरा सकता है या वो नष्ट हो सकते हैं लेकिन एक धन ही ऐसा धन है जिसे न तो चोर चुरा सकता है और न ही वह नष्टï हो सकता है, इसीलिए विद्या धन श्रेष्ठ धन माना गया है।
विद्यया ख्यापिता ख्याति:।
विद्वान व्यक्ति जितना अधिक विद्वान होता है, उसका यश उतना ही अधिक फैलता है। विद्वान व्यक्ति की योग्यता छिपाने से भी नहीं छिपती। उसका यश कस्तूरी की सुगंध की भांति फैलता ही जाता है।