Chaitra Purnima: चैत्र पूर्णिमा पर भद्रा का साया, सावधान रहें !

punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 09:43 AM (IST)

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Chaitra Purnima 2025: चैत्र माह की पूर्णिमा का धार्मिक महत्व अत्यधिक है और इसे विशेष रूप से हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है और यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा, पिंडदान और अन्य धार्मिक कर्मकांड किए जाते हैं। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। किसी पवित्र नदी में स्नान और दान को भी बहुत महत्व दिया जाता है। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर चंद्र देव, हनुमान जी, विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। वर्ष 2025 की चैत्र पूर्णिमा पर भद्रा का साया है। भद्रा में किसी भी तरह के शुभ कामों पर रोक लगा दी जाती है। पापों से छुटकारा और पुण्य प्राप्त करने के लिए भद्रा के समय का ध्यान रखते हुए करें कोई भी मंगल कार्य। आईए जानें, किस मुहूर्त में किया जा सकता है कोई भी काम-

Chaitra Purnima
When will Chaitra Purnima be celebrated in 2025 कब मनाई जाएगी चैत्र पूर्णिमा 2025
चैत्र पूर्णिमा की तिथि का आरंभ 12 अप्रैल 2025 की सुबह 03:21 से होगा और समापन 13 अप्रैल 2025 की प्रात: 05:51 पर होगा।

Chaitra Purnima
Auspicious time of Chaitra Purnima Puja चैत्र पूर्णिमा पूजा का शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा के ब्रह्म मुहूर्त में जिन्हें पूजा करनी है, वो 4 बजकर 29 मिनट से लेकर 5 बजकर 14 मिनट तक कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है। स्नान और दान का मुहूर्त सुबह 7 बजकर 35 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 10 मिनट तक है। राहुकाल शनिवार की सुबह 9 बजकर 10 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक है, इस दौरान भी शुभ कामों पर विराम रहता है। जिन जातको को हनुमान जी की पूजा करनी है वो सुबह 7 बजे से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक कर सकते हैं।

Chaitra Purnima
Shadow of Bhadra on Chaitra Purnima चैत्र पूर्णिमा पर भद्रा का साया
चैत्र पूर्णिमा पर भद्रा का साया रहने वाला है। जिसका वास पाताल लोक में होगा। भद्रा में सभी मांगलिक कामों पर विराम लग जाता है। अगर भूलवश कोई काम कर भी लिया जाए तो वो पूरा नहीं हो पाता अथवा उसमें कोई न कोई रुकावट आ जाती है। उस काम का अपने लक्ष्य तक पहुंचना संभव नहीं हो पाता। 12 अप्रैल 2025 की सुबह 5 बजकर 59 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक भद्रा रहने वाली है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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