कुछ अलग है इस मंदिर की खासियत, सोमवार नहीं बल्कि बुधवार को होती है शिवलिंग की पूजा
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2019 - 01:46 PM (IST)
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अक्सर ऐसा देखा गया है कि हर दिन के अनुसार हर देवी-देवता की पूजा की जाती है। वहीं सोमवार के भगवान शिव के पूजन का विधान शास्त्रों में बताया गया है। कहते हैं कि जो लोग हर दिन भगवान को जल नहीं चढ़ा पाते वे केवल सोमवार के दिन ही शिव जी का पूजन कर ले तो उनकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है। वहीं सोमवार के दिन ही लोगों की खासी भीड़ शिवालयों में देखने को मिलती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सोमवार को नहीं बल्कि भोलेबाबा की पूजा बुधवार के दिन होती है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जहां बहुत से शिव मंदिर स्थापित है। लेकिन एक ऐसा भी शिव मंदिर है, जहां शिव जी आराधना बुधवार के दिन होती है। इस शिव मंदिर की विशेषता ही अलग है और इसके साथ ही इसकी खास बात ये भी है कि यहां शिवजी की पूजा का दिन सोमवार नहीं बल्कि बुधवार का होता है और इसे बुद्धेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर लखनऊ के मोहान रोड पर स्थित है। इसकी खासियत ये भी है कि इसे भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने की थी यानि कि यह मंदिर त्रेतायुग में निर्मित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के आदेश पर लक्ष्मण माता सीता को वन से छोड़ने जा रहे थे तब उन्हें माता सीता की सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगी। कहा जाता है कि लक्ष्मण ने इस स्थान पर भगवान शिव का ध्यान किया। उसके बाद भगवान भोलेनाथ प्रकट होकर लक्ष्मण को दर्शन दिए और माता सीता के विराट स्वरूप का दर्शन कराया। बताया जाता है कि जिस दिन भगवान शिव ने लक्ष्मण को दर्शन दिए थे और उस दिन बुधवार था। यही कारण है कि यहां स्थापित शिवलिंग को बुद्धेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है और तब से इनकी पूजा बुधवार के दिन ही यहां की जाने लगी है।
सीता कुंड
मान्यता है कि जब लक्ष्मण भगवान शिव की साधना कर रहे थे तब माता सीता यहां पर स्थित कुंड में हाथ-पैर धोकर कुछ समय आराम किया था। तब से इस कुंड का नाम सीता कुंड पड़ गया। यहां आने वाले शिव भक्त पहले बुद्धेश्वर महादेव का दर्शन करते हैं फिर सीता कुंड का भी पूजन करते हैं।
विशेष पूजा
आमतौर पर शिव मंदिरों में सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। लेकिन बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को विशेष पूजा की जाती है। बुधवार को इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु पहंचते हैं और महादेव का दर्शन करते हैं।