पेट संबंधी कई समस्याओं का रामबाण इलाज है ये मंत्र
punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2020 - 08:12 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भोजन करते समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भोजन को भी पूजनीय माना गया है, इसी वजह से खाने से पहले भोजन को प्रणाम किया जाता है। फिर अन्न देवता से प्रार्थना करनी चाहिए। अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए हमें उन्हें धन्यवाद देना चाहिए। इसके साथ किसी दिव्य मंत्र का एक बार जप करना चाहिए। वैसे तो शास्त्रों में कई भोजन मंत्र बताए गए हैं जिन्हें खाना खाने से पहले बोला जाता है। इनके अतिरिक्त हम गायत्री मंत्र, ॐ नम: शिवाय जैसे वैदिक मंत्र बोल कर भी भोजन कर सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों के प्रभाव से हमें हमेशा ही भोजन मिलता रहता है और देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। मंत्रों की शक्ति से हम सभी भली भांति परिचित हैं। भोजन से पहले मंत्र बोलने पर व्यक्ति को भूख अच्छे से लगती है और खाना पचने में कोई समस्या नहीं होती है। साथ ही मंत्रों की शक्ति से भोजन से असीम ऊर्जा की प्राप्ति होती है। वहीं यह भी कहा गया है कि यदि आप मंत्र न बोल सकें तो अपने गुरु या अपने ईष्ट का स्मरण करके भोजन शुरू कर सकते हैं।
भोजन के तुरन्त बाद जलपान न करें
भोजन करने के बाद हम शरीर में गर्मी का अनुभव करते हैं क्योंकि अन्न में गर्मी होती है और वह गर्मी पेट में भोजन के माध्यम से पहुंचती है। जठराग्नि उस भोजन को पचाने के कार्य में लग जाती है तथा अन्न की गर्मी से उत्पन्न गैस अपने मार्गों से बाहर निकलती है, जबकि तुरन्त बाद पानी पीने से निकलने वाली गैस पानी की शीतलता के कारण मंद हो जाती है। यह मंदाग्नि अनेक प्रकार के रोगों को जन्म देती है। विद्वानों ने इसलिए भोजन के तुरन्त बाद पानी पीना निषिद्ध किया है।