Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ ही नहीं ! इन रहस्यमयी स्थलों पर भी बनता है बर्फ का चमत्कारी शिवलिंग

punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 02:00 PM (IST)

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 Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ की पावन गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से चमकदार बर्फ का शिवलिंग बनता है, जिसे देखने और पूजने के लिए श्रद्धालु लंबी और कठिन यात्रा करते हैं। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ बाबा बर्फानी के नाम से पुकारा जाता है। माना जाता है कि इसके दर्शन मात्र से सारे पाप मिट जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमरनाथ के अलावा भी देश में कुछ खास स्थान ऐसे हैं जहां प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग की आकृति बनती है और वहां भी भक्त पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं ? ऐसे स्थानों में हिमाचल का अंजनी महादेव, उत्तराखंड का टिम्मरसैंण महादेव और कुछ अन्य गुफाएं शामिल हैं।

PunjabKesari Amarnath Yatra 2025

अमरनाथ गुफा
अमरनाथ की गुफा को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है। यहाँ हर साल बर्फ से स्वयं निर्मित होने वाला शिवलिंग बनता है, जिसे देखने और पूजने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु कठिन यात्रा कर के आते हैं। इस गुफा के बारे में मान्यता है कि यहीं भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था। पौराणिक कथा के अनुसार, जब शिवजी ने पार्वती को अमरत्व की गूढ़ बातें बताईं, तब वहां एक कबूतरों का जोड़ा भी मौजूद था, जिसने वह कथा चुपचाप सुन ली थी।  अमरनाथ में बनने वाले बर्फ के शिवलिंग को स्वयंभू हिमानी शिवलिंग कहा जाता है क्योंकि यह किसी मानव द्वारा निर्मित नहीं होता, बल्कि प्राकृतिक रूप से हर वर्ष एक निश्चित समय पर बनता है। विशेष बात यह है कि यह शिवलिंग चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ आकार में परिवर्तन करता है। जैसे-जैसे चंद्रमा पूर्णिमा की ओर बढ़ता है, शिवलिंग भी बड़ा होता जाता है और अमावस्या तक धीरे-धीरे छोटा हो जाता है। श्रावण मास की पूर्णिमा के आसपास यह शिवलिंग अपने पूर्ण आकार में होता है, जो दर्शकों और भक्तों को एक अलौकिक अनुभव प्रदान करता है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, तपस्या और अद्भुत चमत्कारों का संगम है जो भक्तों को शिव के करीब लाता है, उनके भीतर श्रद्धा और शक्ति भरता है।

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अंजनी महादेव
हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पर्वतीय क्षेत्र मनाली से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है सोलंगनाला, जहां बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित है एक बेहद पवित्र और रहस्यमयी मंदिर अंजनी महादेव। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां सर्दियों के दौरान प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है। यह शिवलिंग किसी मूर्तिकार द्वारा नहीं, बल्कि एक झरने से गिरते हुए पानी के जमने से आकार लेता है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, यह शिवलिंग धीरे-धीरे ऊंचा होता जाता है और फरवरी महीने, खासकर महाशिवरात्रि के समय इसकी ऊंचाई 20 से 35 फीट तक पहुंच जाती है। इसके विशाल और चमत्कारिक स्वरूप को देखकर भक्त इसे हिमाचल का अमरनाथ कहकर पूजते हैं। इस स्थान को लेकर एक पौराणिक मान्यता है कि त्रेतायुग में यहीं पर हनुमान जी की माता अंजनी ने कठोर तप किया था। माता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और उन्हें दर्शन दिए थे। इसलिए इस जगह को अंजनी महादेव के नाम से जाना जाता है।

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टिम्मरसैंण महादेव 
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में ऊँचे-बर्फीले पहाड़ों के बीच, भारत-चीन सीमा के पास बसा है एक छोटा-सा गांव नीती, और इसी गांव के पास छिपी हुई है एक अद्भुत गुफा टिम्मरसैंण महादेव। इस पवित्र गुफा की खासियत यह है कि यहां भी हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है, ठीक वैसे ही जैसे अमरनाथ गुफा में। यह गुफा धार्मिक ही नहीं, बल्कि आस्था और चमत्कार का केंद्र मानी जाती है। यहां के स्थानीय लोग इसे भगवान शिव का अद्भुत रूप मानते हैं और श्रद्धा से इसे छोटा अमरनाथ कहते हैं। हिमालय की गोद में बसे इस स्थल की यात्रा आसान नहीं है क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्र में आता है। यहां जाने के लिए लोगों को प्रशासन से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। यह जगह जितनी रहस्यमयी है, उतनी ही शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर भी है। प्रकृति के बीच स्थित यह गुफा हर साल सर्दियों में शिव भक्तों को आकर्षित करती है, जब बर्फ से धीरे-धीरे आकार लेता हुआ शिवलिंग प्रकट होता है। 

 


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Content Editor

Prachi Sharma

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