‘उड़ान-4'' का टिकट होगा सबसे महंगा

punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2019 - 03:52 PM (IST)

नई दिल्लीः छोटे तथा मझौले शहरों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने के लिए शुरू की गई सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान' (उड़े देश का आम नागरिक) के चौथे चरण का टिकट सबसे महंगा होगा। ‘उड़ान-4' के निविदा दस्तावेज में बताया गया है कि 500 किलोमीटर की विमान यात्रा के टिकट का अधिकतम मूल्य 2,925 रुपए का होगा। बता दें कि जब ‘उड़ान' योजना शुरू की गई थी उस समय ‘ढाई हजार रुपए में 500 किलोमीटर की विमान यात्रा' वाली योजना के नाम से इसका प्रचार किया गया था।

‘उड़ान' के पहले चरण में 500 किलोमीटर का अधिकतम किराया 2,500 रुपए रखा गया था। दूसरे चरण में इसे घटाकर 2,480 रुपए किया गया जबकि तीसरे चरण में इसे बढ़ाकर 2,645 रुपए कर दिया गया। योजना के तहत सरकार ने दूरी के हिसाब से अधिकतम किराया तय कर दिया है। विमान सेवा प्रदाता को हर उड़ान में आधी सीट क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत आरक्षित करनी होगी जिसका अधिकतम किराया तय होगा। शेष आधी सीटों का किराया तय करने के लिए विमान सेवा कंपनियां स्वतंत्र होंगी। तय किराए पर टिकट बेचने से एयरलाइन को होने वाले नुकसान की भरपाई वायेबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) से की जाएगी। सबसे कम वीजीएफ की मांग करने वाले बोली प्रदाता मार्ग का आवंटन किया जाता है। चौथे चरण में एक और बड़ा बदलाव यह किया गया है कि सिर्फ 500 किलोमीटर की यात्रा के लिए ही वीजीएफ दिया जाएगा। पहले तीनों चरणों में 800 किलोमीटर तक वीजीएफ प्रदान किया जा रहा था। हालांकि इस बार वीजीएफ में बढ़ोतरी की गई है। पहले चरण में 500 किलोमीटर के लिए अधिकतम 4,050 रुपए वीजीएफ दिया गया था।

दूसरे चरण में इसे बढ़ाकर 4,250 रुपए कर दिया गया। तीसरे चरण में 20 से ज्यादा सीटों वाले विमानों और 20 सीटों तक वाले विमानों के लिए वीजीएफ में अंतर कर दिया गया था। बीस से अधिक सीटों वाले विमानों के लिए 500 किलोमीटर पर वीजीएफ 4,793 रुपए और अन्य विमानों के लिए 6,704 रुपए तक किया गया था। चौथे चरण के तहत 20 सीटों तक वाले विमानों के लिए 500 किलोमीटर की दूरी के लिए गैर-प्राथमिकता वाले मार्गों पर अधिकतम वीजीएफ 4,740 रुपए और प्राथमिकता वाले मार्गों पर 6,415 रुपए तय किया गया है। बीस से ज्यादा सीटों वाले विमानों के लिए अधिकतम वीजीएफ 8,523 रुपए होगा। प्राथमिकता वाले मार्ग वे हैं जो किसी दुर्गम या सुदूर इलाके जैसे पर्वतीय क्षेत्र, पूर्वोत्तर के शहरों या द्वीप को जोड़ते हैं। दुर्गम इलाकों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने के लिए विमान सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इनके लिए ज्यादा वीजीएफ की पेशकश की गई है। पूर्वोत्तर के 30 हवाई अड्डों/हवाई पट्टियों और एक वाटर एयरोड्रोम को बोली के लिए रखा गया है जहां से इच्छुक ऑपरेटर सेवा शुरू कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के 11 और लद्दाख के दो हवाई अड्डों को बोली के लिए रखा गया है।
 


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