ट्विटर के शेयरधारकों ने एलन मस्क के 44 अरब डॉलर के अधिग्रहण सौदे को दी मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2022 - 10:42 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर के शेयरधारकों ने 13 सितंबर को 44 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण सौदे को मंजूरी दे दी है। ये सौदा ट्विटर ने अरबपति टाइकून और टेस्ला-स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के साथ किया था। एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। ट्विटर के अधिकांश शेयरधारकों ने अप्रैल में 54.20 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर रखे गए एलन मस्क के बायआउट प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। बता दें कि इसके पहले जुलाई में इस बायआउट प्रस्ताव को प्लेटफार्म पर (ट्विटर पर) स्पैम खातों के 'गलत प्रतिनिधित्व' का हवाला देते हुए रद्द कर दिया गया था।

ट्विटर ने मंगलवार को आए अपने एक बयान में कहा कि भले ही एलन मस्क इस डील को रद्द करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन शुरुआती काउंटिंग से पता चलता है कि शेयर होल्डर्स ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने की एलन मस्क की बोली पर सहमति जताई है। जानकारी के मुताबिक टैली शेयरहोल्डर्स की एक मीटिंग के दौरान आई। शेयरधारकों की ये सहमति इस डील पर अगले महीने से शुरू होने वाली अदालती सुनवाई के पहले आई है। बता दें कि ट्विटर ने मस्क पर सौदा पूरा करने के लिए मुकदमा दायर किया है। इसकी सुनवाई 17 अक्टूबर से शुरू होगी। अदालत में इस बात की सुनवाई होगी कि क्या 44 अरब डॉलर का ये सौदा पूरा किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी ट्विटर ने मस्क पर समझौते को गलत तरीके से रद्द करने के लिए मुकदमा दायर कर रखा है। जबकि टेस्ला के मुख्य कार्यकारी एलन मस्क ने ट्विटर प्लेटफार्म पर झूठे और स्पैम खातों की संख्या को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।

डेलावेयर के एक जज ने पिछले हफ्ते अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि मस्क अपने मामले में एक ट्विटर व्हिसलब्लोअर पीटर ज़टको द्वारा किए गए दावों को शामिल कर सकते हैं लेकिन इस जज ने मुकदमे की सुनाई में देरी करने के मस्क के अनुरोध को खारिज कर दिया था। ज़टको ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख हैं। उन्होंने कंपनी पर ऑटोमेटेड 'स्पैम बॉट्स' या नकली खातों को संभालने में धोखा करने का आरोप लगाया है। मस्क इस आरोप को ट्वीटर की खरीदनें के लिए की गई अपनी डील को रद्द करने के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

ज़टको ने यह दावा भी किया है कि ट्विटर की साइबर सुरक्षा कमजोर है। ये कमजोर साइबर सुरक्षा उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को खतरे में डालती है और ट्विटर के जरिए कमजोरों, किशोरों, महिलाओं के शोषण को आसान बनाती है। कानूनी जानकारों के का कहना है कि अगर ज़टको के दावे सही साबित होते हैं तो ये कोर्ट रूम की लड़ाई को मस्क के पक्ष में मोड़ सकते हैं
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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