CCEA ने बिजली संयंत्रों को कोयला आवंटन के लिए संशोधित ‘शक्ति योजना'' को मंजूरी दी
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 02:20 PM (IST)

नई दिल्लीः आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को विद्युत क्षेत्र को कोयला आवंटन के लिए भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला दोहन व आवंटन की संशोधित योजना (शक्ति) को मंजूरी दे दी, ताकि उन्हें दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक कोयला आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने ‘लिंकेज' प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से यह मंजूरी दी।
कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘सीसीईए ने केंद्रीय क्षेत्र/राज्य क्षेत्र/स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के ताप विद्युत संयंत्रों को नए कोयला लिंकेज देने को मंजूरी दे दी है।'' संशोधित शक्ति (भारत में पारदर्शी रूप से कोयला दोहन व आवंटन योजना) नीति की शुरूआत के साथ दो विकल्प केंद्रीय उत्पादन कंपनियों/राज्यों को अधिसूचित मूल्य पर कोयला लिंकेज तथा सभी उत्पादन कंपनियों को अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम पर कोयला लिंकेज प्रस्तावित किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि ‘अधिसूचित मूल्य पर कोयला' खंड के अंतर्गत संयुक्त उद्यमों (जेवी) और उनकी अनुषंगी कंपनियों सहित केंद्रीय क्षेत्र की ताप विद्युत परियोजनाओं (टीपीपी) को कोयला लिंकेज प्रदान करने की मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। इसके अलावा, राज्यों के लिए निर्धारित कोयला लिंकेज का उपयोग राज्य अपनी विद्युत उत्पादन कंपनियों, शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से पहचाने जाने वाले स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) या विद्युत क्रय समझौता (पीपीए) वाले मौजूदा आईपीपी द्वारा 'अधिसूचित मूल्य पर कोयला' खिड़की के तहत नई विस्तार इकाई की स्थापना के लिए कर सकते हैं।
‘अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम' खंड के अंतर्गत, कोई भी घरेलू कोयला आधारित विद्युत उत्पादक जिसके पास पीपीए है या जो संबद्ध नहीं है तथा आयातित कोयला आधारित विद्युत संयंत्र (यदि उन्हें ऐसा चाहिए) नीलामी के आधार पर 12 महीने तक की अवधि के लिए या 12 महीने से अधिक की अवधि के लिए 25 वर्ष तक कोयला प्राप्त कर सकते हैं। बयान में कहा गया है कि केंद्रीय क्षेत्र की ताप विद्युत परियोजनाओं (टीपीपी) को विद्युत मंत्रालय की सिफारिश पर नामांकन के आधार पर कोयला लिंकेज मिलना जारी रहेगा। वहीं विद्युत मंत्रालय की सिफारिश पर नामांकन के आधार पर राज्यों को निर्धारित लिंकेज का इस्तेमाल, राज्यों में राज्य उत्पादन कंपनी द्वारा किया जा सकेगा।