भूषण पावर अधिग्रहण रद्द होने से बैंकों के 3 लाख करोड़ से ज्यादा दांव पर, PNB के भी डूब सकते हैं 6100 करोड़!
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 06:17 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कर्ज में डूबी भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) के लिए JSW स्टील के 19,700 करोड़ रुपए के रिजॉल्यूशन प्लान को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद कई भारतीय बैंकों के ऋण में दिए गए 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि दांव पर लग गई है। इसी बीच BPSL को सबसे अधिक ऋण देने वाले दूसरे बड़े पंजाब नैशनल बैंक के 6100 करोड़ रुपए की वसूली का मामला भी अब अधर में लटक गया है। बैंक उम्मीद कर रहा था कि वह इस ऋण के एवज में 2,440 करोड़ या 1.94 फीसदी की वसूली कर लेगा लेकिन अब यह इतना आसान नहीं रह गया है। हालांकि दिवाला प्रक्रिया के जरिये बी.पी.एस.एल. के अधिग्रहण के जे.एस.डब्ल्यू. स्टील के कदम को अवैध करार देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विस्तार से विचार किया जा रहा है। वित्तीय सेवा विभाग के मुताबिक विभाग ने ऋणदाताओं के साथ मिलकर इस फैसले की समीक्षा की है और अब इस पर सरकार की राय ली जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।
बैंकों को खोना पड़ेगा वसूली का हिस्सा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय बैंकिंग सैक्टर में उथल-पुथल के आसार बने हुए हैं। इसलिए पब्लिक सैक्टर के बैंकों को अपनी अपेक्षित वसूली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खोना पड़ सकता है। बड़े जोखिम को देखते हुए यह देखना बाकी है कि इसका बैलेंस शीट पर कितना असर होगा और आने वाली तिमाहियों में प्रावधान पर क्या असर होगा। रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि वैकल्पिक कानूनी उपाय या एक नया रिजॉल्यूशन प्लान अभी भी सामने आ सकता है। हालांकि जब तक ऐसा कोई रास्ता नहीं निकाला जाता, तब तक बैंकों के 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के बकाया अधर में लटका हुआ है।
ऋणदाताओं की वसूली प्रक्रिया जटिल
रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने दो मुख्य उल्लंघनों का हवाला देते हुए रिजॉल्यूशन प्लान को अमान्य करार दिया है। इनमें जे.एस.डब्ल्यू. स्टील ने शुद्ध इक्विटी के बजाय इक्विटी और वैकल्पिक रूप से कनवर्टिबल डिबेंचर (ओ.सी.डी.) के मिक्स का इस्तेमाल किया, जो आई.बी.सी. के विपरीत है। बता दें कि जे.एस.डब्ल्यू. स्टील ने 2021 में बी.पी.एस.एल. में शुरू में 49 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की थी और उस साल अक्टूबर तक इसे बढ़ाकर 83.3 फीसदी कर दिया था। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) द्वारा 47,204 करोड़ रुपये के बड़े बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बी.पी.एस.एल. को मार्क करने के बाद कानूनी परेशानियां बढ़ गई। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल की शुरुआत में उन कार्यवाहियों को रद्द कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने जे.एस.डब्ल्यू. के अधिग्रहण को रद्द कर दिया और ऋणदाताओं के लिए वसूली प्रक्रिया को जटिल बना दिया।
जेएसडब्ल्यू स्टील के भूषण पावर सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लेनदारों, खासकर पब्लिक सैक्टर के बैंकों के लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। इन बैंकों के लिए भूषण पावर सौदे मामले में अपने वसूली योग्य बकाया को खोने का जोखिम पैदा हो गया है।
कथित तौर पर भारतीय बैंकों का बी.पी.एस.एल. पर कुल 3.13 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। ब्रोकरेज के अनुमान के अनुसार इसमें से पहले संभावित वसूली लगभग 1.22 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी।
बैंक | दावा (करोड़ रुपए) | वसूली की उम्मीद (करोड़ रुपए) |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 9,800 | 3,930 |
पंजाब नेशनल बैंक | 6,100 | 2,440 |
केनरा बैंक | 3,700 | 1,490 |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 3,200 | 1,280 |
इंडियन ओवरसीज बैंक | 1,000 | 420 |
इंडियन बैंक | 2,600 | 1,060 |
एक्सिस बैंक | 900 | 350 |
जे.एंड.के. बैंक | 400 | 170 |
करूर वैश्य बैंक | 170 | 140 |
आईडीबीआई बैंक | 600 | 230 |
बैंकों को करना होगा धन वापस
भूषण स्टील उन दर्जन भर कंपनियों में शामिल थी, जिन्हें आई.बी.सी. के तहत 2017 में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया में डाला गया था। अधिग्रहण रद्द करने के शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद बैंकों को जे.एस.डब्ल्यू. स्टील से मिला धन वापस करना होगा। इसके लिए बैंकों को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही से प्रावधान करना होगा। ब्रोकरेज रिपोर्टों के मुताबिक बैंकों को कुल 19,328 करोड़ रुपये मिले हैं।