भारत को तेवर दिखा बुरा फंसा मलेशिया, बंदरगाहों पर अटका हजारों टन पाम ऑयल

Wednesday, Jan 22, 2020 - 10:13 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: कश्मीर और नागरिकता कानून पर भारत को तेवर दिखाने पर मलेशिया बुरी तरह से फंस गया है। खाद्य तेल के दुनिया के सबसे बड़े खरीदार भारत द्वारा आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हजारों टन रिफाइंड पाम ऑयल देश की अलग-अलग बंदरगाहों पर अटका हुआ है या उसकी ढुलाई में देरी हो रही है। प्रमुख आपूर्तिकर्ता मलेशिया के साथ कूटनीतिक विवाद के बीच यह प्रतिबंध लगाया गया था। इस मामले की जानकारी रखने वाले उद्योग के एक अधिकारी के अनुसार घरेलू रिफाइनरों की मदद के लिए उनके संयंत्रों की क्षमता दर बढ़ाने की खातिर भारत ने 8 जनवरी को रिफाइंड पाम ऑयल आयात पर रोक लगाने की घोषणा की थी। सामान्य तौर पर भारत साबुन से लेकर बिस्कुट तक हर चीज में इस्तेमाल किए जाने वाले वनस्पति तेल की अपनी लगभग पूरी आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भर रहता है।

रिफाइनिटिव के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पाम ऑयल उत्पादक और निर्यातक देश मलेशिया ने सार्वजनिक तौर पर भारत के कदम का विरोध किया था। दूसरी ओर भारत ने इंडोनेशिया से आयात के लिए ऑर्डर बढ़ा दिए हैं। पिछले 5 सालों से भारत मलेशिया का सबसे बड़ा बाजार रहा है और इस विवाद से मलेशिया के बैंचमार्क पाम के वायदा भाव में शुक्रवार को सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट आई और यह पिछले 11 साल से भी ज्यादा अवधि के दौरान सबसे खराब सप्ताह रहा।

30,000 टन से ज्यादा रिफाइंड तेल रुका
मुम्बई के वनस्पति तेल के एक कारोबारी ने कम्पनी की नीतियों का हवाला देते हुए नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि 30,000 टन से ज्यादा रिफाइंड तेल देश की विभिन्न बंदरगाहों पर रुका हुआ है। इन सब जहाजों पर लदाई सरकार द्वारा रिफाइंड पाम ऑयल आयात पर पाबंदी लगाए जाने से पहले की गई थी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सीमा शुल्क अधिकारी उन जिंसों को उतारने की अनुमति दे देते हैं जो नियमों में किसी भी बदलाव से पहले रास्ते में होती हैं लेकिन रिफाइंड पाम ऑयल के मामले में कुछ दुविधा है और इसी से देरी हो रही है। 

जवाबी कदम नहीं उठाएगा मलेशिया
मलेशिया पाम ऑयल की खरीद का भारत द्वारा बहिष्कार किए जाने के मामले में उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि उनका देश इतना छोटा है कि वह ऐसा करने की स्थिति में नहीं है। महातिर ने लैंगकावी में संवाददाताओं से कहा कि इससे निपटने के लिए हमें रास्ते और उपाय तलाशने होंगे। 

 

बढ़ सकते हैं सरसों, सोया और मूंगफली तेल के दाम
एक व्यापारी ने कहा कि रिफाइंड पाम ऑयल की आपूर्ति प्रभावित होने से देश में सरसों, सोया और मूंगफली तेल के दाम बढ़ सकते हैं। अभी सरसों तेल की थोक कीमत 105 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास चल रही है। मूंगफली तेल की कीमत 125 रुपए प्रति किलोग्राम और सोया तेल की कीमत 105 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास चल रही है।

vasudha

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