Why Market is up Today: निवेशकों की झोली में ₹4000000000000... शेयर बाजार हुआ गुलजार, इन 4 फैक्टर्स ने बदली तस्वीर
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 03:33 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः बुधवार को शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला। तीन दिनों की गिरावट के बाद सेंसेक्स-निफ्टी रिकॉर्ड स्तरों के करीब पहुंच गए। तेजी की मुख्य वजह अमेरिका के फेडरल रिजर्व (US Fed) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदें हैं, जिनसे बाजार की हफ्तों पुरानी घबराहट खत्म हो गई।

सेंसेक्स 1022.50 अंक उछलकर 85,609.51 पर बंद हुआ। निफ्टी50 भी 320.50 अंक की बढ़त के साथ 26,205.30 के स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1038.62 अंक चढ़ा जबकि निफ्टी 324 अंक उछला। बाजार में आई इस तेजी से निवेशकों की संपत्ति में भी बड़ा इजाफा हुआ। बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4.23 लाख करोड़ बढ़कर लगभग 473.65 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
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मार्केट में तेजी के 4 मुख्य कारण (main reasons for the market boom)
1. अमेरिका में रेट कट की उम्मीदें
बाजार को उम्मीद है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed) साल 2025 की अपनी आखिरी पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरें घटाएगा। अमेरिका के उम्मीद से कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने भी इन उम्मीदों को और मजबूत किया है। सीएमई ग्रुप के Fedwatch डेटा के अनुसार 85% लोग मानते हैं कि जेरोम पॉवेल और फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेंगे।
2. विदेशी निवेशकों की खरीदारी
मंगलवार के सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 785 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की।
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भी 3,912 करोड़ रुपए की मजबूत खरीदारी की। इससे बाजार सेंटिमेंट को बड़ा सपोर्ट मिला।
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3. वैश्विक बाजारों में तेजी
बुधवार को एशियाई शेयर बाजारों में भी उछाल देखा गया। वॉल स्ट्रीट पर रात भर की तेजी के बाद, अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने अगले महीने की पॉलिसी मीटिंग में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीदों को और पुख्ता कर दिया। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों का MSCI का सबसे व्यापक सूचकांक 1% बढ़ा, जबकि जापान का निक्केई 1.8% उछला। शुरुआती कारोबार में अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स भी 0.2% ऊपर थे।
4. क्रूड ऑयल के दाम में तेज गिरावट
ग्लोबल मार्केट में क्रूड तेल की कीमतें बड़ी गिरावट के साथ 22 अक्टूबर के निचले स्तर पर पहुंच गईं।
ब्रेंट क्रूड 63 डॉलर से नीचे फिसलकर 62.48 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड 57.95 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिका द्वारा रूस पर लगे कुछ प्रतिबंधों में नरमी के संकेत के बाद सप्लाई बढ़ने की उम्मीद बनी, जिसका सकारात्मक असर भारतीय बाजार पर पड़ा।


