RBI ने लगातार 5वीं बार दरों में कोई बदलाव नहीं, रेपो रेट 6.5% पर बरकरार
punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2023 - 10:49 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (8 दिसंबर) मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया। RBI गवर्नर ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। महंगाई काबू करने की पहल के तहत आरबीआई ने ऐसा किया गया है। RBI ने लगातार पांचवीं बार ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है।
एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है। बैंकों के बैलेंस शीट में मजबूती दिखी है। आरबीआई गवर्नर ने FY24 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी
एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है। लागत खर्च में कमी से विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती आई है। सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी है। एग्रो क्रेडिट में ग्रोथ से रिकवरी बेहतर होने का अनुमान है। एमपीसी के छह में पांच स्थर अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में। सभी सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने पर सहमति जताई।
नवंबर-दिसंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि चिंताजनक
आरबीआई गवर्नर ने का कि नवंबर-दिसंबर महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि महंगाई के लिहाज से चिंता का कारण बना हुआ है। ग्रामीण मांग में सुधार दिख रही है। FY 24 के सीपीआई 5.4 पर बने रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर चार प्रतिशत पर लाने के प्रति आरबीआई प्रतिबद्ध है और हर संभव कोशिशें कर रहा है।
बुधवार को शुरू हुई थी MPC की बैठक
रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई। आरबीआई आमतौर पर एक वित्त वर्ष में छह द्विमासिक बैठकें आयोजित करता है, जहां यह ब्याज दरों, धन की आपूर्ति, मुद्रास्फीति दृष्टिकोण और विभिन्न व्यापक आर्थिक संकेतकों पर विचार-विमर्श करता है।
आखिरी बार फरवरी में बढ़ाई गई थी रेपो दर
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अंतिम बार इस साल फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था। खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 4.87 प्रतिशत रही थी। एमपीसी ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति 2023-24 में 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा ऐलान की गई ये अहम बातें
- एमपीसी के सभी सदस्य रेपो रेट स्थिर रखने के पक्ष में
- यूपीआई पेमेंट के लिए ऑफलाइन सुविधा लाई जाएगी
- भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन लगातार बेहतर बना हुआ
- 6 में 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में
- कोर इन्फ्लेशन में कमी आई है लेकिन खाद्य महंगाई अभी भी खतरा बना हुआ
- नवंबर और दिसंबर में खाने-पीने की चीजें महंगी होने से महंगाई के मोर्चे पर चिंता
- फ्लोटिंग रेट रिसेट करने के लिए लोन के नए नियम लाएंगे
- ग्रामीण मांग में लगातार सुधार देखने को मिल रहा
- बैंक और कॉरपोरेट की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई
- ओवरसीज लोन के जरिये इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग जुटाएंगे
विकास दर का अनुमान बढ़ाया गया
- चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.4% रहने का अनुमान बरकरार
- वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी का अनुमान 6.5 से बढ़ाकर 7% किया गया
- महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार
- घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी
- अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टर की ग्रोथ बेहतर रही
- खाद्य और ईंधन की महंगाई में जुलाई के बाद कमी आई है
- खाने-पीने की चीजें महंगाई होने से खुदरा महंगाई फिर से बढ़ने का खतरा