जून में ब्लैक लिस्ट हो सकती है पाकिस्तान की इकोनॉमी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2018 - 02:48 AM (IST)

नई दिल्ली: फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से पाकिस्तान की इकोनॉमी को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल किए जाने से उस पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान की ओर से टैरर फाइनैंसिंग को रोकने में असफल रहने पर टास्क फोर्स ने यह कदम उठाया है।

टास्क फोर्स के इस कदम के बाद अब पाकिस्तान के सामने अन्य एजैंसियों की ओर से भी डाऊनग्रेड किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। यही नहीं यदि पाक के रवैए में सुधार नहीं हुआ तो टास्क फोर्स की ओर से उसे जून तक ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। पाकिस्तान की इकोनॉमी के एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, वल्र्ड बैंक, एशियन डिवैल्पमैंट बैंक सहित मूडीज, स्टैंडर्ड एंड पूअर और फिच जैसी एजैंसियां पाकिस्तान को डाऊनग्रेड कर सकती हैं।

ऐसा होने पर पाकिस्तान की स्टॉक मार्कीट समेत पूरी इकोनॉमी में गिरावट का दौर देखने को मिल सकता है। इससे सीधे तौर पर चीन को फायदा होगा और उसके सामने पाकिस्तान में निवेश के मौके पैदा होंगे। एजैंसी की ओर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने से पहले ही देश के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ ने लिखा था कि यदि ऐसा होता है तो यह पाकिस्तान की इमेज के लिए करारा झटका होगा। 

इंटरनैशनल मार्कीट से कर्ज मिलना होगा मुश्किल
हालांकि किसी भी देश के इस लिस्ट में शामिल होने पर उसकी वित्तीय साख प्रभावित होती है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से कर्ज हासिल करना उसके लिए मुश्किल हो जाता है। टास्क फोर्स की ओर से ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने से विदेशी निवेशकों और कम्पनियों की पाकिस्तान में दिलचस्पी कम हो सकती है। फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स की लिस्ट से पाकिस्तान का नाम 2015 में हटा लिया गया था। 3 साल बाद ऐसा हुआ था और 3 साल के बाद ही वह फिर इस सूची में आ गया है। यही नहीं यदि सुधार नहीं हुआ तो जून में वह ब्लैक लिस्ट में भी शामिल हो सकता है। ऐसा होने पर वैश्विक वित्तीय संस्थान पाकिस्तान से लेन-देन में परहेज कर सकते हैं। इसके अलावा कारोबारी माहौल के लिहाज से भी यह नकारात्मक होगा।
 


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