IPO की संख्या पिछले 16 साल में सबसे ज्यादा, सौदों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 2.2 गुना ज्यादा
punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2023 - 02:06 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में पेश आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) की संख्या 2007-08 के बाद सबसे ज्यादा रही। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, मुख्य प्लेटफॉर्म पर 31 आईपीओ के जरिए संचयी तौर पर 26,272 करोड़ रुपए जुटाए गए। अप्रैल-सितंबर 2007 के दौरान रही तेजी के समय 48 आईपीओ के जरिए 21,243 करोड़ रुपए जुटाए गए थे।
सौदों की संख्या पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 2.2 गुना रही लेकिन जुटाई गई रकम 26 फीसदी कम रही क्योंकि तब 35,456 करोड़ रुपए जुटाए गए थे। पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों को भारतीय जीवन बीमा निगम के 21,000 करोड़ रुपए के आईपीओ से मजबूती मिली थी।
वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में शुरुआत धीमी रही और पहले चार महीने में महज 10 आईपीओ पेश हुए। हालांकि पिछले दो महीने में इसने रफ्तार पकड़ी क्योंकि बेंचमार्क निफ्टी और निफ्टी मिडकैप 100 और निप्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक नए सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए।
दरों में बढ़ोतरी और अमेरिकी बैंकिंग संकट के बीच दिसंबर 2022 और मार्च 2023 के बीच बाजार में हुए उतारचढ़ाव ने कई कंपनियों की सूचीबद्धता योजना को पटरी से उतार दिया। हालांकि मार्च के निचले स्तर से बाजार में सुधार और विदेशी व देसी निवेशकों के पास पर्याप्त नकदी ने प्राथमिक बाजार की गतिविधियों में मजबूती ला दी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के प्रमुख (निवेश बैंकिंग व संस्थागत इक्विटी) अजय सराफ ने कहा, भारत व हमारे बाजारों के लिए स्थिति काफी अच्छी रही। आर्थिक मसलों के अलावा भूराजनीतिक कारक भारत के हक में देखे गए। अप्रैल से हमने एफपीआई की मजबूत भागीदारी देखी है, जो पिछले 18 महीनों में नहीं देखा गया था। इन चीजों ने सेंटिमेंट को लेनदेन के हक में कर दिया।
वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने देसी बाजार में 1.41 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया। देसी म्युचुअल फंडों ने 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश किया। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में पहली छमाही के दौरान क्रमश: 35 फीसदी व 45 फीसदी का इजाफा हुआ। ऐसी ज्यादातर नकदी ने नए शेयरों का पीछा किया, जिसने आईपीओ के जरिये बाजार में प्रवेश किया था।
इसके अलावा सूचीबद्धता के बाद बेहतर प्रदर्शन ने रफ्तार मजबूत बनाए रखी। एक या दो कंपनियों को छोड़कर पहली छमाही में सूचीबद्ध सभी आईपीओ से निवेशकों ने कमाई की। विशेषज्ञों ने कहा कि कीमत के लिहाज से ये इश्यू ज्यादा उपयुक्त थे।
सेंट्रम कैपिटल के पार्टनर (निवेश बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, निवेशक लगातार विवेकवान होते जा रहे हैं और आईपीओ के लिए उचित कीमत को बढ़ावा दे रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले आईपीओ को लेकर गहमागहमी अपेक्षाकृत कम थी, जिससे ज्यादा उपयुक्त मूल्यांकन देखने को मिला।
सराफ ने कहा, आईपीओ की कीमतें साल 2021 के मुकाबले ज्यादा संतुलित हो गई हैं। चूंकि कीमतें ज्यादातर उपयुक्त रहीं, ऐसे में निवेशक सूचीबद्धता के बाद कमाई कर रहे हैं। साथ ही ज्यादातर आईपीओ अपनी सूचीबद्ध समकक्ष फर्मों के मुकाबले खासे छूट पर आए। ये चीजें सूचीबद्धता के बाद के प्रदर्शन को सहारा दे रही हैं।