भारत ही नहीं अब अफगानिस्तान की करेंसी के सामने भी कमजोर पाकिस्तानी रुपया

punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2023 - 11:44 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः पाकिस्तान की करेंसी का हाल बेहाल है। अमेरिकी डॉलर तो छोड़िए दुनिया के कई छोटे देशों की मुद्रा के सामने भी पाकिस्तान की करेंसी बेहद कमजोर दिखाई देती है। अब हाल यह है कि अफगानिस्तान जैसे छोटे देश के सामने भी पाकिस्तान का रुपया बेहद कमजोर नजर आ रहा है। अफगानिस्तान के अलावा एशिया के कई छोटे देशों की करेंसी भी पाकिस्तान से मजबूत स्थिति में है। पाकिस्तान लगातार आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है। अगर मौजूदा समय में पाकिस्तान के एक रुपए की तुलना अमेरिकी डॉलर से करें तो एक डॉलर पाकिस्तान के 306.33 रुपए के बराबर है। पाकिस्तान की करेंसी न सिर्फ अमेरिकी डॉलर के मामले में कम है, बल्कि एशिया के कई ऐसे देश हैं, जिनके मुकाबले पाकिस्तान की करेंसी बेहद कमजोर है। नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, ईराक और चीन से ये कमजोर है। इसका मतलब पाकिस्तानी रुपये न सिर्फ अपने से बड़े देशों के मुकाबले कमजोर है, बल्कि कई छोटे देशों के करेंसी से कमजोर भी है।

अफगानिस्तान की करेंसी के सामने ऐसा हुआ हाल

अफगानिस्तान की करेंसी की तुलना अगर पाकिस्तान के रुपए से करें तो इसका हाल बेहाल है। अफगानिस्तान की मुद्रा का नाम अफगानी है। एक जमाने में यहां अफगान रुपया चलता था लेकिन 1925 के देश में नई करेंसी अफगानी शुरू हुई। आज एक अफगानी पाकिस्तान के 4.17 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है। पाकिस्तान में जब से आर्थिक संकट गहराई है, तब से देश की करेंसी भी गर्त में चली जा रही है। इस दौरान पाकिस्तानी करेंसी रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई है। पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले अफगानी रुपया मजबूत है।

लगातार बढ़ रही महंगाई

पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है। पाकिस्तान में महंगाई रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है। लोगों के लिए यहां रोजमर्रा की चीजें खरीदना भी बेहद मुश्किल होता जा रहा है। आटे और चावल की कीमत ही यहां कई गुना बढ़ चुकी है। पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद के कारण आर्थिक मंदी है। वहीं अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। ऐसे में अब अफगानिस्तान पाकिस्तान से आगे निकलता दिख रहा है।

इस वजह से हो रहा बुरा हाल

पाकिस्तान की करेंसी का हाल बेहाल होने की एक वजह राजनीतिक अस्थिरता है। इसके चलते आर्थिक अनुश्चितता बढ़ गई है। इससे निवेशकों को पाकिस्तान में पैसा लगाने में कम दिलचस्पी होती जा रही है। इसके उलट अफगानिस्तान में स्थिरता है। तालिबान सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। इससे निवेशकों को अफगानिस्तान में पैसा लगाने में अधिक दिलचस्पी बढ़ी है। इससे अफगानिस्तान की मुद्रा मजबूत हो रही है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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