जानिए, इस वर्ष गोल्ड ने दिया कितना रिटर्न?

punjabkesari.in Saturday, Dec 31, 2016 - 04:15 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले एक साल के दौरान जहां निवेशकों के लिए शेयर मार्कीट उतार-चढ़ाव वाला रहा है, वहीं गोल्ड ने उन्हें ज्यादा निराश नहीं किया है। नोटबंदी के बाद से डोमेस्टिक मार्कीट में कीमतें लगातार गिरने के बाद भी 1 साल के दौरान गोल्ड ने 14 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। जबकि, शेयर मार्कीट से निवेशकों को एक साल के दौरान 1.9 फीसदी तक का ही रिटर्न मिला है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ दिनों में गोल्ड की कीमतें गिर सकती हैं, लेकिन 2-3 महीने बाद इसमें रिकवरी आ जाएगी।

14 फीसदी महंगा हुआ सोना
30 दिसंबर को डोमेस्टिक मार्कीट में सोने की कीमतें 28500 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। वहीं 31 दिसंबर 2015 को सोने की कीमतें 24950 रुपए पर बंद हुई थीं। इस लिहाज से एक साल के दौरान सोना की कीमतें 3550 रुपए बढ़ गईं और निवेशकों को 14 फीसदी तक रिटर्न मिला। वहीं इस दौरान ग्लोबल मार्कीट में सोने की कीमतें 1060 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर 1160 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई हैं।

कुछ दिनों तक गिरेंगी सोने की कीमतें
केडिया कमोडिटी के अजय केडिया का कहना है कि अभी फिलहाल कुछ दिनों तक सोने की कीमतों में गिरावट जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि यूएस फेड द्वारा इंटरेस्ट रेट बढ़ाए जाने के बाद से सोने की कीमतें डोमेस्टिक मार्कीट में गिरी हैं। वहीं आगे भी फेड ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाए जाने के संकेत दिए हैं। इससे बुलियन मार्कीट पर निगेटिव असर आएगा। यह असर नए फाइनेंशियल ईयर के पहले क्वार्टर तक होगा और सोने की कीमतें 25000 प्रति 10 ग्राम तक के लेवल पर आ सकती हैं।

डॉलर मजबूत होने से पड़ा निगेटिव असर
वहीं 14 दिसंबर को यूएस फेड ने इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया, जिसके बाद से डॉलर में भी लगातार मजबूती देखी गई। डॉलर 14 साल के हाइएस्ट लेवल पर पहुंच गया। इन वजहों से बुलियन मार्कीट पर निगेटिव असर हुआ। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन दोनों वजहों से गोल्ड इस साल आउटपरफॉर्म नहीं कर पाया।

नोटबंदी की वजह से हुआ नुकसान
नोटबंदी के बाद कैश की कमी आने से जहां बुलियन मार्कीट का करोबार 70 फीसदी तक गिर गया है, वहीं इस पूरे साल इस सेक्टर को नुकसान ही हुआ है। बजट में सरकार ने ज्वैलरी पर 1 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगा दी थी। इसके विरोध में कारोबारियों ने लंबे समय तक अपनी दुकानें बंद कर दी थीं। इससे कारोबार को करीब 18 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार इस साल के पहले 6 महीनों में सोने की डिमांड में 30 फीसदी की कमी आई।


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