वित्त वर्ष 2024 में भारत की ईंधन मांग में हुई सालाना 5% की वृद्धि

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2024 - 05:33 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले साल मार्च की तुलना में इस साल मार्च में भारत में ईंधन (Fuel) की खपत 0.6% कम हो गई। बहरहाल, 2024 वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में ईंधन की खपत में पिछले वित्तीय साल की तुलना में लगभग 5% की वृद्धि हुई। यह वृद्धि ऑटोमोटिव ईंधन और नेफ्था की अधिक बिक्री के कारण हुई।

तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल (PPAC) के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि मार्च 2024 में भारत में तेल की खपत 21.09 मिलियन मीट्रिक टन (4.99 मिलियन बैरल प्रति दिन) रही। वहीं, मार्च 2023 में भारत में तेल की खपत 21.22 मिलियन मीट्रिक टन (5.02 मिलियन बैरल प्रति दिन) थी।

बढ़ी ईंधन की मांग

हालांकि मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में ईंधन की मांग में भारी वृद्धि देखी गई। यह मांग 233.276 मिलियन टन (4.67 mbpd) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो पिछले वर्ष 223.021 मिलियन टन (4.48 mbpd) थी।

यह वृद्धि मुख्य रूप से ट्रकों और कमर्शियल पैसेंजर वाहनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले डीजल की बिक्री में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुई, जो मार्च में 8.04 मिलियन टन हो गई। बीते वित्तीय वर्ष में डीजल की बिक्री में भी 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

गैसोलीन की बिक्री में भी देखने को मिली बढ़त

इसी बीच, मार्च में गैसोलीन की बिक्री पिछले साल के मार्च की तुलना में 6.9% बढ़कर 3.32 मिलियन टन हो गई। पूरे वित्तीय वर्ष में भी गैसोलीन की बिक्री 6.4% अधिक रही। सड़क निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाला बिटुमेन, मार्च में पिछले साल के मार्च की तुलना में लगभग समान रहा। लेकिन पूरे वित्तीय वर्ष में बिटुमेन की बिक्री में 9.9% की वृद्धि देखी गई।

रसोई गैस के रूप में इस्तेमाल होने वाला एलपीजी, मार्च में 8.6% बढ़कर 2.61 मिलियन टन तक पहुंच गया। नेफ्था की बिक्री भी पिछले साल के मार्च की तुलना में 5.5% बढ़कर 1.19 मिलियन टन हो गई।

दूसरी ओर, ईंधन तेल के उपयोग में मार्च में सालाना 9.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और वित्तीय वर्ष में 6.3 प्रतिशत की गिरावट आई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News