गोल्डमैन सॉक्स ने पेश की भारतीय अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर, इस वर्ष में अमेरिका को पीछे छोड़ बन जाएगी दूसरी बड़ी इकोनॉमी
punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2023 - 07:12 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत 2075 तक अमेरिका को पछाड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। हालांकि, साल 2075 में चीन यूएसए की बादशाहत को छीन लेगा और दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सॉक्स ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह भविष्यवाणी की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लंबी छलांग लगाते हुए जापान और जर्मनी की इकॉनोमी को तो काफी पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत अमेरिका की अर्थव्यवस्था को पछाड़कर चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
गोल्डमैन सॉक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2075 तक चीन 57 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी तो दूसरे स्थान पर 52.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत दूसरे स्थान पर होगा। अमेरिकी अर्थव्यवस्था 51.5 ट्रिलियन डॉलर के साइज के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। जबकि 30.3 ट्रिलियन डॉलर के साथ यूरो एरिया चौथे और 7.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ जापान पाचंवी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
गोल्डमैन सॉक्स के रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ती आबादी के अलावा, इनोवेशन टेक्नोलॉजी के मामले मे प्रगति, उच्च पूंजी निवेश और वर्कर प्रोडक्टिविटी में उछाल के साथ ये अनुमान लगाया जा रहा है। गोल्डमैन सॉक्स रिसर्च के भारत के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने कहा, अगले दो दशकों में, भारत की निर्भरता अनुपात क्षेत्र की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम होगी. किसी भी देश की निर्भरता उसके काम करने वाली जनसंख्या के अनुपात में कुल आश्रितों की संख्या से मापा जाता है। अगर आश्रितों का अनुपात कम है तो ये माना जाता है कि काम करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है जो युवाओं औरबुजुर्गों को सपोर्ट करने में सक्षम होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत में आश्रितों का अनुपात सबसे कम होगा।
ऐसे में भारत के लिए मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार करने, सर्विसेज इंडस्ट्री को बढ़ाने के साथ आधारभूत ढांचे के विकास का सबसे बड़ा अवसर होगा। रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने सड़कों और रेलवे जैसे आधारभूत ढांचे को बेहद प्राथमिकता दी है। सरकार ने राज्यों को 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा दिया है। गोल्डमैन सॉक्स का मानना है कि निजी क्षेत्र के लिए मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज क्षमता को बढ़ाने का बड़ा अवसर है जिससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा किए जा सके और बड़े लेबर फोर्स को काम दिया जा सके।