Iran Israel war के कारण बढ़े हवाई किराए, विमानन कंपनियों ने बदले रुट्स, यात्री हुए परेशान
punjabkesari.in Thursday, Oct 03, 2024 - 12:48 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः मिडिल ईस्ट में तनाव के कारण भारत की ओर आने वाले हवाई यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विमानन कंपनियों ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए अपने मार्ग बदल दिए हैं, जिससे हवाई यात्रा महंगी और लंबी हो गई है। कुछ पड़ोसी देशों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे एयरलाइनों को बढ़ते संघर्ष से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
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हवाई किराए में बढ़ोतरी
गूगल फ्लाइट्स की रिपोर्ट के अनुसार, तेल अवीव के लिए सबसे सस्ते टिकट आम तौर पर 71,000 से 135,000 पाउंड के बीच होते हैं। हालांकि बुधवार तक कीमतें 222,000 पाउंड से अधिक हो गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दरें और बढ़ सकती हैं।
भारत सरकार की यात्रियों का सलाह
भारत सरकार ने अपने नागरिकों को ईरान की गैर-आवश्यक यात्राओं से बचने की सलाह दी है। सलाह में कहा गया है, “हम क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के हालिया बढ़ते तनाव की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। जो लोग वर्तमान में ईरान में रह रहे हैं, उनसे सतर्क रहने और तेहरान में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने का अनुरोध किया गया है।”
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मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव
मध्य पूर्व में तनाव तब बढ़ा जब ईरान ने इज़राइल पर मिसाइल हमले किए। इसके बाद इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर जमीनी ऑपरेशन शुरू किया और हिज़बुल्लाह के नेता की मौत हो गई।
एयरलाइनों की सुरक्षा प्रतिबद्धता
ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस (SWISS) और अन्य एयरलाइनों ने भी अपने रूट में बदलाव किया है, जिससे उड़ानों का समय 15 मिनट तक बढ़ गया है। स्विस एयरलाइंस ने घोषणा की कि वे 31 अक्टूबर तक ईरान, इराक, जॉर्डन, इज़राइल और लेबनान के हवाई क्षेत्र से बचेंगे।
वहीं एयर इंडिया ने भी सुरक्षा के मद्देनजर अपने सभी उड़ानों की दैनिक समीक्षा करने की बात कही है। कई एयरलाइनों ने इज़राइल और लेबनान के लिए अपनी उड़ानों को निलंबित कर दिया है। KLM और लुफ्थांसा जैसी कंपनियों ने इज़राइल और लेबनान के लिए अपनी सेवाएं वर्ष के अंत तक रोक दी हैं।