भारत में बढ़ रहा चीन का FPI, चीन शीर्ष 10 देशों में शुमार होने के करीब
punjabkesari.in Friday, Oct 07, 2022 - 02:19 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के लिहाज से चीन शीर्ष 10 देशों में शुमार होने के करीब है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत बाजार नियामक सेबी से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में चीन का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश लगातार बढ़ रहा है। वैश्विक महामारी की शुरुआत से अभी तक के तिमाही आंकड़े बताते हैं कि 2020 के शुरुआती दिनों में जब प्रतिबंधों पर बात चल रही थी तभी से चीन से एफपीआई बढ़ रहा था।
उसके बाद से ही यह बढ़ता जा रहा है। सेबी से मिले आंकड़ों के मुताबिक चीन का एफपीआई निवेश जून 2022 में 80,684 करोड़ रुपए हो गया। यह दसवें सबसे बड़े एफपीआई देश (नीदरलैंड) के निवेश से करीब 20,000 करोड़ रुपए ही कम है। उसी दौरान नीदरलैंड का भारत में एफपीआई निवेश 99,140 करोड़ रुपए था।
सरकार ने अप्रैल 2020 में एक अधिसूचना जारी कर भारत के सीमावर्ती देशों की कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था और उसके बाद एफपीआई निवेश पर निगरानी भी कथित तौर पर बढ़ गई थी। ऐसा केवल बाजार में तेजी के कारण नहीं हुआ है क्योंकि एफपीआई संपत्तियों में चीन की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। दिसंबर 2019 में कुल एफपीआई परिसंपत्तियों में चीन की हिस्सेदारी करीब 1.4 फीसदी थी, जो बढ़कर जून 2022 में 1.8 फीसदी हो गई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मदद करने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा कि कई बड़े देश कर अथवा अनुपालन संबंधी कारणों से दूसरे देशों के रास्ते निवेश करते हैं। इसका मतलब साफ है कि चीन से सीधे आने वाला एफपीआई निवेश एकमात्र स्रोत नहीं है बल्कि चीन की कंपनियां अन्य देशों के जरिये भी भारत में निवेश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि केमैन आईलैंड्स और हॉन्ग कॉन्ग के जरिए भी एफपीआई चीन रकम का निवेश कर रहे हैं।
बाजार नियामक ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि चीन के एफपीआई की कुल संख्या दिसंबर 2019 से 16 ही बनी हुई है। दिसंबर 2019 के बाद पंजीकृत एफपीआई की कुल संख्या में 1,895 (करीब 14.6 फीसदी) की वृद्धि हुई है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत एफपीआई की कुल संख्या फिलहाल 10,895 है। प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से चीन के सभी 16 एफपीआई के नाम का खुलासा होता है। उनमें 15 एफपीआई श्रेणी 1 में आते हैं। एफपीआई की इस श्रेणी में विदेशी सरकार की इकाइयां अथवा बहुराष्ट्रीय एजेंसियां शामिल हैं।
इसमें चीन के नेतृत्व वाले एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक की शाखा बेस्ट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन एवं सात संबंधित कंपनियां, चाइना एएमसी ग्लोबल सेलेक्टिव इक्विटीज फंड, सीआईएफएम एशिया पैसिफिक एडवांटेज फंड, फ्लरिश इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, मैन्यूलाइफ टेडा इंडिया ऑपर्च्यूनिटीज इक्विटी फंड (क्यूडीआईआई), नैशनल सोशल सिक्योरिटी फंड (एनएसएसएफ) और पीपल्स बैंक ऑफ चाइना शामिल हैं। इसके अलावा वेई ची ली भी है, जो दूसरी श्रेणी की एफपीआई निवेशक है। दूसरी श्रेणी के एफपीआई में आमतौर पर म्युचुअल फंड एवं पेंशन योजनाएं शामिल हैं।