चीन पर भारी पड़ा ट्रंप का नया 'ट्रेड अटैक', 77% एक्सपोर्ट तबाही की कगार पर
punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 05:54 PM (IST)

Washington: दुनिया के दो बड़े देशों अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। डोनाल्ड ट्रंप के भारी टैरिफ (आयात शुल्क) ने चीन की अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त असर डाला है। वहीं भारत ने भी अपने टैक्स सिस्टम को सख्त करते हुए नकली छूट व कटौतियों पर नकेल कसने का फैसला किया है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के मुताबिक, अगर अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप के लगाए टैरिफ को 2025 तक जारी रखा, तो चीन से अमेरिका को होने वाला निर्यात 77% तक गिर सकता है। 2024 में अमेरिका ने चीन से लगभग $440 अरब डॉलर का माल आयात किया था, लेकिन 2025 में इसमें भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
चीन का "निंगबो-झौशान पोर्ट" दुनिया का सबसे व्यस्त बंदरगाह है, लेकिन झेजियांग प्रांत की करीब 90,000 निर्यातक कंपनियों पर इस ट्रेड वॉर का सीधा असर पड़ रहा है। अमेरिका अब चीन के लिए एक मुश्किल बाजार बन गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल से ही चीन पर भारी टैरिफ लगाए थे। उनका दावा है कि ये कदम अमेरिकी उद्योगों की रक्षा और चीन की "अनुचित व्यापार नीतियों" को रोकने के लिए जरूरी हैं। दूसरी ओर, भारत सरकार ने प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) वसूली बढ़ाने के लिए कमर कस ली है। CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे टॉप टैक्सपेयर्स की निगरानी करें और फर्जी टैक्स छूट की पहचान कर कार्रवाई करें। सरकार का 2025-26 के लिए ₹25.20 लाख करोड़ का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लक्ष्य है।
CBDT के आंकड़ों पर नज़र
कॉरपोरेट टैक्स लक्ष्य: ₹10.82 लाख करोड़
नॉन-कॉरपोरेट टैक्स (व्यक्तिगत कर): ₹13.60 लाख करोड़
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT): ₹78,000 करोड़
क्या होगी कार्रवाई?
नकली डिडक्शन/छूट का पता लगाया जाएगा
टॉप एडवांस टैक्सपेयर्स की समीक्षा की जाएगी
टैक्स चोरी करने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे
CBDT की यह योजना सेंट्रल एक्शन प्लान 2025-26 के अंतर्गत लागू की जा रही है।बता दें कि जहां एक तरफ ट्रंप की नीतियों ने चीन के व्यापार को हिला दिया है, वहीं भारत भी अपने करदाताओं पर पैनी नजर रखकर राजस्व जुटाने में जुट गया है। दोनों देशों की यह आर्थिक रणनीति आने वाले महीनों में वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर डाल सकती है।