UPI पर लग सकता है चार्ज! RBI ने दिए बड़े संकेत
punjabkesari.in Saturday, Jul 26, 2025 - 10:51 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में डिजिटल लेनदेन का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुके यूपीआई (UPI) पर अब मुफ्त सेवाओं का युग खत्म हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इशारा किया है कि यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर शुल्क लगाए जाने की संभावना बढ़ती जा रही है।
फिलहाल, यूपीआई से लेनदेन करने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता लेकिन सरकार बैंकों और पेमेंट कंपनियों को सब्सिडी देती है, जिससे यह व्यवस्था मुफ्त बनी हुई है। मल्होत्रा का कहना है, "यह मॉडल लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है और सिस्टम को खुद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है।"
60 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन रोज
यूपीआई के जरिए हर दिन 60 करोड़ से ज्यादा लेनदेन हो रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इस सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए व्यवहारिक खर्चों की भरपाई जरूरी हो जाती है।
क्या लगेगा शुल्क?
आरबीआई गवर्नर ने कहा, "खर्च तो देना होगा, किसी को तो देना ही होगा।" यह बयान इस ओर साफ इशारा करता है कि आने वाले समय में UPI ट्रांजैक्शन पर नाममात्र का चार्ज लगाया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) नीति जारी रहेगी या बदलेगी, इसका फैसला सरकार करेगी।
बैंकों के विलय पर भी बोले
संजय मल्होत्रा ने सरकारी बैंकों के भविष्य के विलयों पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब तक जो भी विलय हुए हैं, उनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। भविष्य में विलय केवल तभी होंगे जब उससे आर्थिक रूप से फायदा सुनिश्चित हो।
क्यों है यह खबर अहम?
इस बयान का सीधा मतलब है कि आने वाले समय में डिजिटल पेमेंट्स पर निर्भर भारत को यूपीआई लेनदेन के लिए थोड़ा शुल्क चुकाना पड़ सकता है। यह शुल्क कितना होगा, यह सरकार और आरबीआई के भविष्य के फैसलों पर निर्भर करेगा। लेकिन इतना तय है कि पूरी तरह मुफ्त यूपीआई ट्रांजैक्शन का युग अब अंत की ओर है।