ब्लैक मनी का शक, पोस्ट ऑफिसों में बड़े डिपॉजिट्स की होगी जांच

punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2017 - 10:38 AM (IST)

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार नोटबंदी के बाद पोस्ट ऑफिसों में हुए बड़े डिपॉजिट की जांच कर रही है। पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद 9 से 30 दिसंबर के बीच पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट में उछाल आया था। सरकार को शक है कि पोस्ट ऑफिस में जमा किए गए बड़े डिपॉजिट में ब्लैकमनी हो सकती है।

हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा डिपॉजिट 
नोटबंदी के बाद नवंबर और दिसंबर में पोस्ट ऑफिसों में सबसे ज्यादा पैसे जमा करवाए गए। सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा के पोस्ट ऑफिसों में पैसे जमा हुए हैं। सैंट्रल बोर्ड ऑफ डायरैक्ट टैक्सेज (सी.बी.डी.टी.) के एक अधिकारी के मुताबिक हम इन डिपॉजिट्स की जांच कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि हम पंजाब और हरियाणा में पोस्ट ऑफिसों का सर्वे कर चुके हैं। हमने ऐसे लोगों की पहचान भी कर ली है जिन्होंने 8 नवंबर के बाद संदिग्ध ट्रांजैक्शन किए हैं। अधिकारी के मुताबिक अब हम दूसरे राज्यों में भी सर्वे करेंगे जहां पर पोस्ट ऑफिस में ज्यादा पैसे जमा हुए हैं। सर्वे के बाद हम संदिग्ध ट्रांजैक्शन करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ एक्शन लेंगे। इंकम टैक्स विभाग ऐसे पोस्ट ऑफिसों पर फोकस कर रहा है जहां पर नोटबंदी के तुरंत बाद बड़े पैमाने पर पैसा जमा हुआ है।

आसान होगी संदिग्ध लेन-देन की पहचान 
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि स्माल सेविंग अकाऊंट 31 दिसंबर तक आधार से लिंक करना जरूरी हो गया है। इससे पोस्ट ऑफिसों में संदिग्ध लेन-देन करने वालों की पहचान करना आसान हो जाएगा। सरकार ने पिछले माह इस बारे नोटीफिकेशन जारी किया है।

8 नवंबर को पूरा हो रहा है नोटबंदी का 1 साल 
8 नवंबर को नोटबंदी का 1 साल पूरा हो रहा है। इस अवधि में बैंकों में लोगों ने 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक पैसा जमा करवाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बैंकों में जो पैसा आया है इसमें काला धन भी शामिल है। सरकार अब जांच कर रही है कि बैंकों में जमा हुए पैसों में से कितना वैध है और कितना काला धन।

20,572 आयकर रिटर्न्स जांच के घेरे में 
नोटबंदी का एक साल होने के करीब है, ऐसे में सरकार ने भी आंकड़े जुटाने के साथ-साथ एक्शन लेने की प्रक्रिया भी तेज कर ली है। आयकर विभाग ने नोटबंदी के पहले और बाद में फाइल किए गए 20,572 रिटर्न को ‘विस्तृत जांच’ के लिए चुना है। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। इसके अलावा विभाग ने टैक्स चोरी के एक लाख ‘हाई रिस्क’ मामलों का भी पता लगाया है। सूत्रों के मुताबिक अभी इन आयकर रिटर्न्स को सिर्फ जांच की प्रक्रिया के लिए चुना गया है। इसके तहत आयकर विभाग तमाम रिकॉर्ड्स और विवरणों को खंगालेगा तथा जांच करने वाले अधिकारी यह पता करेंगे कि इन रिटर्न्स में टैक्स चोरी हुई है या नहीं।


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