WTO का अनुमान, इस साल वैश्विक व्यापार में होगा सुधार

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2024 - 11:10 AM (IST)

नई दिल्लीः बीते साल गिरावट आने के बाद वर्ष 2024 में वैश्विक व्यापार की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, कई हिस्सों में संघर्ष, भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक नीति को लेकर अनिश्चितता की वजह से काफी जोखिम पैदा हो रहे हैं। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने बुधवार को अपना यह पूर्वानुमान जारी किया। इसके साथ ही डब्ल्यूटीओ ने वर्ष 2024 के लिए वैश्विक व्यापार में वृद्धि संबंधी अपने अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया। पिछले साल अक्टूबर में डब्ल्यूटीओ ने व्यापार वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। 

डब्ल्यूटीओ ने बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2023 में गिरावट आने के बाद इस साल वैश्विक वस्तु व्यापार धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल उच्च ऊर्जा कीमतों और मुद्रास्फीति के लंबे समय तक बने रहने का प्रभाव रहा।'' इसमें कहा गया है कि वस्तुओं के वैश्विक व्यापार की मात्रा 2023 में 1.2 प्रतिशत गिरने के बाद इस साल बढ़कर 2.6 प्रतिशत और वर्ष 2025 में 3.3 प्रतिशत रहनी चाहिए। इसके मुताबिक, ‘‘हालांकि क्षेत्रीय संघर्ष, भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक नीति को लेकर अनिश्चितता का माहौल पूर्वानुमान के लिए काफी नकारात्मक जोखिम पैदा करते हैं।'' वर्ष 2023 में व्यापारिक निर्यात में गिरावट के पीछे तेल एवं गैस जैसी वस्तुओं की गिरती कीमतें प्रमुख वजह थी। 

डब्ल्यूटीओ ने कहा, ‘‘वर्ष 2024 और 2025 में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है। इससे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक आय, विनिर्मित वस्तुओं की खपत बढ़ेगी। व्यापार-योग्य वस्तुओं की मांग में सुधार पहले से ही स्पष्ट है। यह बेहतर आय संभावनाओं से जुड़ी घरेलू खपत में वृद्धि से संबंधित है।'' पश्चिम एशिया में संघर्ष की वजह से यूरोप और एशिया के बीच समुद्री मालवहन पर असर पड़ा है। अन्य जगहों पर भी तनाव से व्यापार विखंडन हो सकता है। इसके साथ ही डब्ल्यूटीओ ने बढ़ते संरक्षणवाद को एक और जोखिम बताते हुए कहा कि यह 2024 और 2025 में व्यापार की बहाली को कमजोर कर सकता है। 

डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने कहा, ‘‘हम जुझारू आपूर्ति श्रृंखलाओं और एक ठोस बहुपक्षीय व्यापार ढांचे की बदौलत वैश्विक व्यापार में सुधार की दिशा में बढ़ रहे हैं, जो आजीविका और कल्याण में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं। जरूरी है कि हम आर्थिक वृद्धि और स्थिरता बनाए रखने के लिए भू-राजनीतिक संघर्ष और व्यापार बिखराव जैसे जोखिमों को कम करें।''
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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