मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव से Adani Group की बड़ी डील्स खतरे में, अरबों डॉलर के निवेश पर संकट
punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 11:45 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः गौतम अडानी की अगुवाई वाला अडानी ग्रुप इस समय एक बड़े भू-राजनीतिक तूफान की जद में है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात ने कंपनी के अरबों डॉलर के निवेश पर संकट खड़ा कर दिया है। अडानी ग्रुप की इजरायल में तीन प्रमुख हिस्सेदारियां – हाइफा पोर्ट, डिफेंस पार्टनरशिप और सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट – अब खतरे में नजर आ रही हैं।
हाइफा पोर्ट: 10,000 करोड़ की डील पर छाया युद्ध का साया
साल 2023 में अडानी ग्रुप ने इजरायल के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हाइफा पोर्ट में 70% हिस्सेदारी खरीदकर 1.2 बिलियन डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपए) का निवेश किया था। यह पोर्ट इजरायल के आयात-निर्यात का अहम केंद्र है लेकिन अब मिडिल ईस्ट में बिगड़ते हालात के कारण इस पर संकट मंडरा रहा है। भले ही लड़ाई दक्षिणी इजरायल में केंद्रित है, पर लंबे समय तक युद्ध चलने की सूरत में मेडिटेरेनियन सी रूट बाधित हो सकता है, जिससे शिपिंग में देरी और लॉजिस्टिक्स का संकट उत्पन्न हो सकता है।
इस डर का असर शेयर बाजार पर दिख चुका है— शुक्रवार को अडानी पोर्ट्स के शेयर 2.71% गिरकर 1405 रुपए और अडानी एंटरप्राइजेज 1.36% गिरकर 2506 रुपए पर बंद हुए।
डिफेंस सेक्टर में अडानी-एल्बिट जॉइंट वेंचर को मिलेगी बढ़त या संकट?
अडानी ग्रुप और इजरायल की प्रमुख रक्षा कंपनी Elbit Systems के बीच बना जॉइंट वेंचर Adani Elbit Advanced Systems India, भारत में Hermes 900 ड्रोन बना रहा है, जो इजरायली डिफेंस फोर्सेज द्वारा उपयोग किए जाते हैं। युद्ध के माहौल में ड्रोन्स की डिमांड बढ़ सकती है, जिससे इस जॉइंट वेंचर को व्यापारिक लाभ हो सकता है लेकिन दूसरी तरफ इस तरह की डिफेंस साझेदारी जियोपॉलिटिकल दबावों को भी बढ़ा सकती है। अगर ईरान या उसके सहयोगी देशों ने इस साझेदारी को निशाना बनाया, तो अडानी ग्रुप को रणनीतिक और कारोबारी झटके लग सकते हैं।
10 अरब डॉलर की सेमीकंडक्टर डील पर लगा ब्रेक
अडानी ग्रुप और इजरायली Tower Semiconductor के बीच भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना थी, जिसकी अनुमानित लागत थी 10 बिलियन डॉलर (83,000 करोड़ रुपये)। लेकिन अप्रैल में आई रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को फिलहाल रोक दिया गया है। मुख्य कारण हैं–मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव और ग्लोबल मार्केट की अनिश्चितता।
ग्लोबल बाजार में भी उथल-पुथल
इजरायल के हमले के बाद कच्चे तेल की कीमत 9% उछलकर 75.36 डॉलर/बैरेल हो गई और सोना 1.5% चढ़कर 3434 डॉलर/औंस तक पहुंच गया। एशियाई शेयर बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई। इजरायल ने इमरजेंसी की घोषणा की है और ईरानी जवाबी हमले की आशंका बनी हुई है।