भारत में एक-चौथाई लोग पढ़-लिख ही नहीं सकते

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 02:23 AM (IST)

गत दिवस यूनेस्को द्वारा जारी ग्लोबल एजुकेशन मॉनीटरिंग रिपोर्ट में भारत में शिक्षा की स्थिति पर रोशनी डाली गई है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि देश की एक-चौथाई जनसंख्या निम्न माध्यमिक शिक्षा भी पूरी नहीं करती। इसका अर्थ यह हुआ कि 26.6 करोड़ वयस्क तथा 3.3 करोड़ युवा जनसंख्या पढऩे में सक्षम नहीं है। 

रिपोर्ट में इस बात पर रोशनी डाली गई है कि सस्टेनेबिलिटी डिवैल्पमैंट गोल्स (एस.डी.जी.) के बावजूद 12 वर्षों तक सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के आह्वान के विपरीत 28 लाख बच्चे स्कूलों से बाहर होते हैं क्योंकि शिक्षा केवल 12 वर्ष की आयु तक अनिवार्य की गई है। शिक्षा में जवाबदेही की बात करें तो रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत एजुकेशन फाइनैंसिंग के लिए तय की गई सीमा से कम खर्च कर रहा है जो जी.डी.पी. का 5 प्रतिशत की बजाय 3.8 प्रतिशत है और पब्लिक एक्सपैंडिचर के 15 प्रतिशत की बजाय 14 प्रतिशत है। 

रिपोर्ट में सर्वांगीण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए शिक्षा से संबंधित सभी दावेदारों की जिम्मेदारी पर रोशनी डाली गई है, मुख्य रूप से सरकार पर और इस बात पर जोर दिया गया है कि शिक्षा के क्षेत्र में सतत् विकास हासिल करने के लिए जवाबदेही से बचा नहीं जाना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि पुरुषों और महिलाओं, सामान्य वर्ग तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के बीच भी शिक्षा के मानदंडों में असमानता है, जो देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के रास्ते में एक बड़ी चुनौती है।

तुलना करें तो 73 प्रतिशत अत्यंत गरीब पुरुषों तथा 67 प्रतिशत अत्यंत गरीब महिलाओं ने केवल अपनी प्राथमिक शिक्षा ही पूरी की है। अनुसूचित जनजातियों में उच्च शिक्षा में उपस्थिति की दर 12 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जातियों में 15 प्रतिशत है जो वर्ष 2010 में राष्ट्रीय औसत 23 प्रतिशत से कहीं कम है। भारत में 1983 से 2010 के बीच किए गए कई नैशनल सैम्पल सर्वेज की समीक्षा यह संकेत देती है कि तरक्की के बावजूद अनुसूचित जनजातियों व अनुसूचित जातियों की शिक्षा का स्तर औसत से कहीं कम था। 2010 में राष्ट्रीय औसत 23 प्रतिशत की तुलना में अनुसूचित जनजातियों में उच्च शिक्षा उपस्थिति दर 2 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तथा अनुसूचित जातियों में 4 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच गई।


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