मस्क की भारत यात्रा रद्द होने के मायने

punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2024 - 05:24 AM (IST)

दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी ने दुनिया के सबसे बड़े बाजार भारत की यात्रा को अनायास रद्द कर दिया। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने औचक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह चुनावों में भाजपा की हार को दर्शाता है जबकि मस्क के अनुसार वह टेस्ला कम्पनी के भारी उत्तरादायित्वों की वजह से यात्रा को टाल रहे हैं। लेकिन मस्क की यात्रा रद्द होने के कई पहलू हैं, जिनकी पड़ताल जरूरी है। मस्क अपनी सनकपन के लिए मशहूर हैं। पिछले साल नवम्बर में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जब अमरीका में टेस्ला के दौरे पर गए थे, तब भी मस्क ने उनकी अगवानी नहीं की थी। 

दूसरा कारण चुनावों की वजह से लागू आचार संहिता हो सकती है। बड़े कारोबारी लाभ के लिए भारत आ रहे मस्क के साथ चुनावों के समय किसी समझौते से आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बन सकता था। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के तौर पर ट्विटर का भारत में सभी दलों के नेता चुनावों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए यह हो सकता है कि नई सरकार के गठन के बाद मस्क अपनी शर्तों पर भारत आएं। कोरोना और लॉकडाऊन के दौरान जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ठप्प हो गई थी तब मस्क की सम्पत्ति में 10 गुना का इजाफा हुआ था। इलैक्ट्रिक व्हीकल (ई.वी.), सैटेलाइट इंटरनैट, ए.आई., क्रिप्टो करंसी और अंतरिक्ष में नई दुनिया के कारोबार से नए युग का सिकंदर बनने की मस्क की चाहत है। अमेजन कम्पनी के मालिक जैफ बेजोस ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार के स्वामित्व पर नियन्त्रण किया है। उसी तर्ज पर मस्क ट्विटर के अधिग्रहण से दुनिया में बादशाहत कायम करने की कोशिश कर रहे हैं। मस्क के स्वामित्व के पहले वामपंथी रुझानों वाले ट्विटर के साथ भारत सरकार के अनेक टकराव हो रहे थे। 

बढ़ते विवादों के बाद केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की केंद्रीय मंत्रिमंडल से और पराग अग्रवाल की ट्विटर से छुट्टी हो गई थी। ट्विटर जो अब एक्स कहलाता है, में मस्क के सर्वाधिक 17.7 करोड़ फॉलोवर हैं जबकि प्रधानमंत्री मोदी 9.7 करोड़ फॉलोवर के साथ सातवें पायदान पर हैं। 

टेस्ला के प्लांट के लिए राज्यों में होड़ : मस्क की आर्थिक समृद्धि का प्रमुख आधार टेस्ला कम्पनी है। 3 साल पहले टेस्ला का मार्कीट कैप 1.2  ट्रिलियन डॉलर था जो अब 540 बिलियन डॉलर ही बचा है। चीन, यूरोप और अमरीका के बाजार में टेस्ला की बिक्री में भारी गिरावट के बाद मस्क भारत के बाजार पर आधिपत्य से कम्पनी की सेहत सुधारना चाह रहे हैं। भारत में टेस्ला के ई.वी. प्लांट से 25 हजार करोड़ के निवेश से अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ रोजगार बढ़ सकते हैं लेकिन प्लांट लगाने से पहले मस्क वाहनों के आयात से भारत के बाजार को परखना चाह रहे हैं। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी की मांग की है। 

मॉरिशस और सिंगापुर के साथ भारत के टैक्स समझौतों में बदलाव के बाद इन देशों से एफ.डी.आई. निवेश पर कैपिटल गेन टैक्स की छूट का रास्ता बंद हो गया है। इसलिए नए प्लांट को लगाने के लिए मस्क नीदरलैंड्स के टैक्स हैवन के मार्फत भारत में प्रवेश करना चाह रहे हैं। इससे टेस्ला और मस्क को कैपिटल गेन, विथहोल्डिंग टैक्स और डिवीडैंड पर टैक्स में बड़ी राहत मिल सकती है। मस्क को टेस्ला कम्पनी से लगभग 4500 अरब का पैकेज मिलता है। सरकार से टकराव और टैक्स से बचने के लिए मस्क ने टैक्सास राज्य में हैडक्वार्टर को शिफ्ट कर लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कार्यकाल में 2015 में अमरीका में मस्क से मुलाकात की थी। उसके बाद दूसरे कार्यकाल में जून 2023 में मस्क ने अमरीका में मोदी से मुलाकात करने के बाद खुद को मोदी का फैन बताया था। प्लांट के बारे में मस्क के पूरे पत्ते खुलने के पहले महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना और राजस्थान की सरकारों में होड़ का फिलहाल कोई मतलब नहीं है। 

सैटेलाइट इंटरनैट में सुरक्षा के मुद्दे : दुनिया में 9494 सैटेलाइट में से लगभग 6 हजार मस्क की स्टारङ्क्षलक कम्पनी के हैं। स्टारलिंक ने भारत में सैटेलाइट इंटरनैट का लाइसैंस लेने के लिए 3 साल पहले आवेदन दिया था। फिलहाल भारत में एयरटेल और रिलायंस के पास इस बारे में लाइसैंस है। मस्क के साथ अमेजन के जैफ बेजोस भी क्विपर कम्पनी के माध्यम से भारत में सैटेलाइट इंटरनैट का लाइसैंस हासिल करने की होड़ में हैं। मस्क की स्टारलिंक कम्पनी का अमरीका के खुफिया संस्थानों के साथ गाढ़ा संबंध है। उनकी कम्पनी यूक्रेन-रूस  युद्ध में भी सामरिक भूमिका निभा रही है। इस बारे में लाइसैंस की शर्तों के अनुसार स्टारलिंक कम्पनी भारत में सुरक्षा संबंधी अंडरटेकिंग देने में आना-कानी कर रही है। इस बारे में डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन को आखिरी फैसला लेना है। संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने दिसम्बर 2023 में नए टैलीकॉम कानून को मंजूरी दी थी। सैटेलाइट इंटरनैट के लिए नीलामी की बजाय प्रशासनिक माध्यम से स्पैक्ट्रम आबंटन पर अनेक विवाद चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस बारे में खुले बाजार की नीति अपनाई तो फिर कानून व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से कई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। 

टैलीकॉम कम्पनी वोडाफोन ने भारत में नीदरलैंड के रास्ते प्रवेश किया था। उसके बाद विवाद होने पर वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ टैक्स से छूट का बड़ा मुकद्दमा जीता था। मस्क ने चैट जी.पी.टी. के सी.ई.ओ. सैम ऑल्टमैन के खिलाफ अमरीका में मुकद्दमा दायर किया था। मस्क के अनुसार ओपन सोर्स रखते हुए जन कल्याण के लिए बनाई गई ओपन ए.आई .कम्पनी को ऑल्टमैन ने बड़े मुनाफे का हथियार बना लिया। जनकल्याण और जलवायु संरक्षण की आड़ में भारत के मार्फत दुनिया में कब्जे का दबाव देखने वाले मस्क, किस देश के रास्ते और किन शर्तों पर भारत में निवेश करते हैं उसके अनुसार ही भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा के साथ ‘वोकल फॉर लोकल’ की व्यावहारिक दशा का निर्धारण होगा।-विराग गुप्ता(एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट) 
 


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