वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में भारत

punjabkesari.in Wednesday, Apr 10, 2024 - 05:03 AM (IST)

हाल के वर्षों में, भारत ने अपने रक्षा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की घोषणा के साथ कि भारत का हथियार निर्यात 21,000 करोड़ रुपए के अभूतपूर्व आंकड़े को पार कर गया है, यह स्पष्ट है कि देश रक्षा निर्यात में ‘आत्मनिर्भर’ या आत्मनिर्भर बनने की दिशा में पर्याप्त प्रगति कर रहा है। 

निर्यात की वृद्धि में योगदानकत्र्ता  : भारत के रक्षा निर्यात में काफी वृद्धि देखी गई है, जिसमें निजी क्षेत्र और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (डी.पी.एस.यू.) दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रभावशाली निर्यात आंकड़ों में निजी क्षेत्र और डी.पी.एस.यू. ने  क्रमश: 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का योगदान दिया है। 

तीव्र विस्तार एवं उपलब्धियां : भारत के रक्षा निर्यात में तेजी से वृद्धि का उदाहरण 2013-14 में 686 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपए हो गया है। यह उल्लेखनीय उछाल पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की ‘शानदार वृद्धि’ को दर्शाता है। 

वैश्विक अनुसंधान और भागीदारी : भारत का रक्षा निर्यात 85 से अधिक देशों तक फैला हुआ है, जो देश की व्यापक वैश्विक पहुंच और रणनीतिक सांझेदारी को प्रदॢशत करता है। प्रमुख निर्यात स्थलों में इटली, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इसराईल और कई अन्य शामिल हैं। 

भविष्य के लक्ष्य एवं आकांक्षाएं  : भारत का 2024-25 तक वार्षिक रक्षा निर्यात में 35,000 करोड़ रुपए हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2028-2029 तक निर्यात बिक्री को 50,000 करोड़ रुपए और वाॢषक रक्षा उत्पादन को 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक तक पहुंचाना है। ये लक्ष्य वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरने के भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।-अक्षय कपूर (भाजपा नेता)


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