लगातार बढ़ रही चौतरफा महंगाई से लोगों में भारी रोष व्याप्त

punjabkesari.in Thursday, Apr 14, 2022 - 03:19 AM (IST)

देश में पिछली तीन तिमाहियों से महंगाई की दर लगातार ऊंची बनी रहने के परिणामस्वरूप लोगों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। भारतीय उपभोक्ता इस समय विश्व में सबसे महंगा रसोई गैस सिलैंडर खरीद रहे हैं। देश के कुछ भागों में 1 मार्च, 2022 को इसका भाव 933 रुपए था जो 1 अप्रैल, 2022 को मात्र एक माह के अंतराल में ही बढ़ कर 990 रुपए हो गया। 

पैट्रोल की महंगाई के मामले में हम विश्व में तीसरे और डीजल की महंगाई के मामले में आठवें स्थान पर हैं। पिछले 20 दिनों में पैट्रोल तथा डीजल के मूल्य लगभग 15 बार बढ़े हैं। इस दौरान पैट्रोल 10 रुपए प्रति लीटर तक महंगा होकर 110 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। डीजल भी कहीं-कहीं 100 रुपए प्रति लीटर को पार कर गया है तथा आने वाले दिनों में इसमें और वृद्धि की आशंका है। सी.एन.जी. की कीमत बढऩे से इससे चलने वाले वाहनों की परिवहन लागत 15-20 प्रतिशत बढ़ गई है। ईंधन की कीमतों में वृद्धि से मालभाड़ा भी 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है। 

मार्च माह में मांस, मछली, दूध के उत्पाद, अनाज, कपड़े और जूतों की कीमतें बढ़ी हैं तथा सर्वाधिक 18.79 प्रतिशत वृद्धि खाद्य और वनस्पति तेलों में हुई है जो फरवरी के बाद लगभग एक चौथाई तक बढ़ गए हैं। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम औसतन 7.68 प्रतिशत बढ़े हैं। ‘खाद्य एवं कृषि संगठन’ के मासिक खाद्य मूल्य सूचकांक के अनुसार लगभग सभी दालों के भावों में कम से कम दो से चार रुपए प्रति किलो तक तेजी आ गई है। 

कोई भी सब्जी 40 रुपए किलो से नीचे नहीं रही। कुछ समय पहले तक 30 रुपए किलो बिकने वाली हरी मिर्च अब 50 से 80 रुपए प्रति किलो, हरे मटर 40-50 रुपए, लौकी 30-40 रुपए, फ्रांसबीन 50-70 रुपए, भिंडी 70 से 100 रुपए, चप्पन कद्दू और धनिया 30-40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। फलों में सेब 120-200 रुपए, संतरा 80-100 रुपए किलो और केला 40-60 रुपए दर्जन तक पहुंच गया है, सफेदा आम परचून में 200 से 250 रुपए किलो बिक रहा है, लेकिन सबसे ऊंची छलांग नींबू ने लगाई है। 

अब तक तो प्याज और टमाटर की कीमतें ही उपभोक्ताओं के आंसू निकालती थीं परंतु इस बार नींबू ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं तथा गुजरात में थोक बाजार में इसके भाव 300 रुपए तक तथा परचून में 400 रुपए किलो तक जा पहुंचे हैं। वहां परचून में एक नींबू 18 से 25 रुपए में बिक रहा है। इन दिनों भीषण गर्मी पडऩे के कारण इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, यह आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो गया है। अब तो दूसरी चीजों के साथ-साथ नींबू चुराए जाने के समाचार भी आने लगे हैं। गत 11 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सब्जियों के एक गोदाम के ताले तोड़ कर चोर 60 किलो नींबू ले उड़े। 

यहीं पर बस नहीं, पिछले 6 महीनों में स्टील के दाम 20 रुपए प्रति किलो तक बढऩे व टायर-ट्यूब के भावों में उछाल आने से साइकिल उद्योग भी संकट में आता जा रहा है तथा आम आदमी की सवारी साइकिलों की कीमत पिछले 4 महीनों में 250 रुपए तक बढ़ गई है। साइकिल उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि स्टील की कीमतें काबू न आने पर इसमें और वृद्धि भी हो सकती है। इस पृष्ठभूमि में देश के 48 अर्थशास्त्रियों के बीच मत संग्रह के परिणामों में इस वर्ष खुदरा महंगाई गत फरवरी में 6.07 प्रतिशत के मुकाबले में मार्च में 6.6 से  6.50 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया था परंतु 12 अप्रैल को जारी आंकड़ों के अनुसार यह उनके भी अनुमानों से बढ़ कर 17 महीनों के उच्चतम स्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई से राहत के लिए कम से कम अगले तीन महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है और यदि इसमें कमी नहीं आई तो जून महीने में ब्याज दरों में वृद्धि शुरू हो सकती है। इससे देश में आर्थिक प्रगति की रफ्तार सुस्त होगी जिसका प्रभाव जी.डी.पी. के लक्ष्य पर पड़ सकता है और इसके बिगडऩे की आशंका पैदा हो सकती है। राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है कि, ‘‘महंगाई और बेरोजगारी ने देश की जनता की जान निकाल कर रख दी है। लिहाजा सरकार को महंगाई और लोगों की अन्य समस्याओं पर बुल्डोजर चलाना चाहिए।’’ 

देश में बढ़ रही महंगाई के विरुद्ध लोगों में भारी रोष व्याप्त है और संसद के हाल ही में सम्पन्न अधिवेशन में इसे लेकर विरोधी दलों के हंगामे के अलावा रोष प्रदर्शनों आदि का आयोजन भी विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किया जा रहा है। अत: सरकार को कठोर निवारक कदम उठाकर लोगों को महंगाई से राहत दिलाने की ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है ताकि उनमें इसे लेकर व्याप्त असंतोष दूर हो।—विजय कुमार 


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