आवारा कुत्तों का बढ़ रहा उत्पात, लोगों में भारी रोष और भय व्याप्त

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 02:38 AM (IST)

एडोटोरियल डेस्कः देश में आवारा कुत्तों की समस्या बढ़ती ही जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग 1.74 करोड़ लोग कुत्तों का शिकार बनते हैं जिनमें से औसतन 18 से 20 हजार लोगों की मौत रैबीज से हो जाती है। शहरों और गांवों में झुंड के झुंड घूम रहे आवारा कुत्ते इतने खूंखार हो गए हैं कि जैसे ही मौका मिलता है लोगों पर झपट पड़ते हैं और इनसे कोई भी सुरक्षित नहीं है। अनेक स्थानों पर तो इनसे बचने के लिए लोग अपने साथ लाठी लेकर निकलने लगे हैं : 

  • अक्तूबर को ग्रेटर नोएडा की 2 सोसाइटियों में एक आवारा कुत्ते ने 30 मिनट की अवधि के भीतर 3 बच्चों को काट कर घायल कर दिया। 
  • अक्तूबर को दुर्ग के मोहन नगर में आवारा कुत्तों ने रेलवे कालोनी में आधा दर्जन से अधिक लोगों को काटा। एक व्यक्ति को तो उन्होंने इतनी बुरी तरह काटा कि उसके पैर से मांस का लोथड़ा ही बाहर निकल आया।
  • अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर में सांबा जिले की रामगढ़ तहसील के गांव चक्कबागला स्थित गुज्जर बस्ती में एक दिल दहला देने वाली घटना में आवारा कुत्ता एक 4 साल की मासूम बच्ची को अपने जबड़े में दबा कर दूर खेतों में भाग गया और उसे नोच-नोच कर मार डाला।
  • अक्तूबर को इंदौर में आवारा कुत्तों ने एक ही परिवार के 3 बच्चों को अपना निशाना बनाया और एक अन्य युवक को भी नोच लिया।
  • अक्तूबर को होशियारपुर के गांव बठुल्ला में 3 वर्षीय मासूम बच्ची को लावारिस कुत्ते ने हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया।
  • अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर के शामाचक्क में पागल कुत्ते ने करवाचौथ की खरीदारी करने गईं 4 महिलाओं समेत 10 लोगों को काटा।
  • अक्तूबर को जालन्धर के निकट नंगलशामां और ढिलवां चौक के बीच शाम के समय एक पागल कुत्ते ने 10 मिनट के भीतर एक डाक्टर और 4 महिलाओं सहित 21 लोगों को नोच डाला।
  • अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर के बर्डपुर कस्बे में एक पागल कुत्ते ने 9 लोगों को काट लिया। 
  • अक्तूबर को इंदौर के सुभाष चौक में पानी की टंकी के समीप रात के समय आवारा कुत्ते ने एक 82 वर्षीय बुजुर्ग को कई जगह काट दिया जिस कारण जमीन पर गिर जाने से उनकी कमर की हड्डी टूट गई।
  • अक्तूबर को फगवाड़ा में एक आवारा कुत्ते ने गली में अपनी मां के साथ बैठी अढ़ाई वर्ष की बच्ची पर हमला करके उसके सिर पर गंभीर घाव कर दिए तथा उसकी मां के शरीर पर भी दांत मारे। लोगों ने बड़ी मुश्किल से कुत्ते की पकड़ से उन्हें छुड़ाया।
  • अक्तूबर को ही हिमाचल में ऊना जिले के अलग-अलग गांवों में आवारा कुत्तों ने 4 बच्चों सहित 9 लोगों को काट कर घायल कर दिया।
  • इसी दिन उत्तराखंड के रामनगर में घूम रहा एक आवारा कुत्ता अचानक खूंखार हो गया और उसने एक-एक करके 9 लोगों को काटा।
  • नवम्बर को पठानकोट के निकट कुठेर में पागल कुत्ते ने सुबह के समय प्रभातफेरी में जा रहे 18 लोगों को काट डाला।
  • नवम्बर को जम्मू-कश्मीर के नौशहरा में एक पागल कुत्ते ने 9 लोगों को काट लिया। उल्लेखनीय है कि एक महीना पहले भी नौशहरा में एक अन्य पागल कुत्ते ने कई लोगों को काटा था। 

आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर लोगों में भारी रोष है और वे इनसे होने वाली घटनाओं के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कई स्थानों पर लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता के विरुद्ध प्रदर्शन भी किए हैं। लोगों की शिकायत है कि अनेक स्थानों पर पीड़ितों को रैबीज के इंजैक्शन सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध न होने के कारण उन्हें टैटनस के टीके लगाकर ही भेज दिया जाता है और या फिर लोगों को बाजार से महंगे दामों पर इंजैक्शन खरीद कर लगवाने के लिए विवश होना पड़ता है।

डॉक्टरों के अनुसार कुत्ते के काटने पर तुरन्त राहत दिलाने वाले इम्यूनोग्लोबुलिन इंजैक्शन की अनुपलब्धता के कारण भी रोगियों को काफी असुविधा होती है। यह भी एक विडम्बना ही है कि मदद के लिए चिल्ला रहे लोगों की सहायता के लिए कुत्तों के डर के मारे लोग आगे आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। जब तक केंद्र और राज्य सरकारें कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके काटने से होने वाली अकाल मौतों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं करेंगी तब तक इस समस्या से मुक्ति मिलना मुश्किल है और आवारा कुत्तों के काटने से होने वाली मौतें लगातार बढ़ती ही जाएंगी।    —विजय कुमार 


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Yaspal

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