छोटी-छोटी रेल दुर्घटनाएं दे रहीं बड़े खतरे की चेतावनी

punjabkesari.in Friday, Nov 25, 2022 - 03:49 AM (IST)

भारतीय रेलवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नैटवर्क है। हालांकि इस वर्ष काफी समय से कोई बड़ी रेल दुर्घटना नहीं हुई है परंतु लगातार हो रही छिटपुट दुर्घटनाएं सचेत कर रही हैं कि भारतीय रेलों में सब ठीक नहीं है : 

* 16 जुलाई को रतलाम रेलवे स्टेशन पर इंदौर से उदयपुर जाने वाली ‘वीरभूमि एक्सप्रैस’ का इंजन बदलते समय इसके 2 डिब्बे पटरी से उतर गए। 
* 18 जुलाई को गुजरात में दाहोद जिले के ‘मंगल महुदी’ रेलवे स्टेशन के निकट एक मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए तथा ओवरहैड बिजली के तार भी टूट गए। तीन दिनों में रतलाम रेल मंडल में रेल के डिब्बे पटरी से उतरने की यह दूसरी घटना थी।  
* 23 अगस्त को छत्तीसगढ़ के ‘डोंगरगढ़’ रेलवे स्टेशन पर ठहराव के दौरान शिवनाथ एक्सप्रैस की 2 बोगियां एक झटके के साथ पटरी से उतर गर्ईं। ट्रेन की गति धीमी होने के कारण अधिक नुक्सान नहीं हुआ परंतु यदि गति तेज होती तो निश्चित ही बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। 

* 10 सितम्बर को दिल्ली के ‘आनंद विहार’ से चल कर बिहार के कटिहार जा रही ‘हमसफर एक्सप्रैस’ की दो बोगियां पश्चिमी चम्पारण के ‘बगहा’ में पटरी से उतर गईं जिससे रेलगाडिय़ों का आवागमन ठप्प हो गया।
* 23 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के ‘रमवा’ रेलवे स्टेशन के निकट एक मालगाड़ी के 29 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस कारण दिल्ली-कानपुर-प्रयागराज रूट पर चलने वाली लगभग 30 रेलगाडिय़ों का परिचालन प्रभावित हुआ।
* 26 अक्तूबर को झारखंड के धनबाद डिवीजन में कोयले से लदी 54 बोगियों वाली एक मालगाड़ी के ब्रेक फेल हो गए। 

* 30 अक्तूबर को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर दिल्ली से अलीगढ़ जा रही पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई। 
* 8 नवम्बर को ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी’ रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी एक मालगाड़ी के 5 डिब्बे पटरी से उतर गए। 
* 20 नवम्बर को उज्जैन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 8 पर खड़ी रतलाम इंदौर ट्रेन में अचानक आग लग जाने से एक बोगी जल कर राख हो गई। 
* 21 नवम्बर को ओडिशा के जाजपुर कोरई रेलवे स्टेशन पर एक अनियंत्रित मालगाड़ी के 8 डिब्बे पटरी से उतर कर प्लेटफार्म पर आ गए जिसके परिणामस्वरूप  3 लोगों की मृत्यु और अनेक लोग घायल हो गए। 

* 22 नवम्बर को गाजियाबाद जंक्शन के यार्ड में खड़ी सीमैंट से लदी मालगाड़ी से एक अन्य रेल का इंजन टकरा जाने से मालगाड़ी का एक डिब्बा झटके में पटरी से नीचे उतर गया और ई.एम.यू. शैड की दीवार तोड़कर लगभग 10 फुट तक अंदर चला गया। 

* 23 नवम्बर को मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में ‘माछना’ पुल के निकट खड़ी एक रेलगाड़ी की 3 बोगियों में अचानक आग लग गई।

यात्री एवं मालगाडिय़ों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बीच रेलवे में व्याप्त चंद खामियां भी सामने आ रही हैं। एक वर्ष के दौरान देश में मालगाडिय़ों के ब्रेक फेल होने की ही दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं। 
रेलवे के उच्चाधिकारियों को लोको पायलटों द्वारा दिए गए अनेक ज्ञापनों में बताया गया है कि पिछले लगभग एक वर्ष में मालगाडिय़ों के त्रुटिपूर्ण ‘बोगी माऊंटेड ब्रेक सिस्टम’ (बी.एम.बी.एस.) के कारण 80 मालगाडिय़ां सिग्नल जम्प कर चुकी हैं। 

यही नहीं, यात्री रेलगाडिय़ों के परिचालन में भी लापरवाही देखने को मिल रही है। उदाहरण स्वरूप 24 नवम्बर को दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से एर्नाकुलम को जाने वाली मंगला एक्सप्रैस के आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंचने के बाद वहां प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों को पता चला कि संबंधित कर्मचारी उक्त गाड़ी में एक कोच लगाना ही भूल गए थे। रिजर्वेशन वाले यात्री जब उक्त कोच ढूंढ-ढूंंढ कर परेशान हो गए तो उन्होंने भारी हंगामा किया। इस दौरान ट्रेन लगभग आधा घंटा प्लेटफार्म पर खड़ी रही। जैसे ही ट्रेन चलने लगती यात्री चेन खींच कर रोक देते। 

प्रश्र चिन्ह लगाती उक्त दुर्घटनाएं स्पष्ट प्रमाण हैं कि भारतीय रेल किस कदर बड़ी दुर्घटनाओं के मुहाने पर है। ऐसी अप्रिय स्थिति पैदा न हो इसके लिए भारतीय रेल की कार्यशैली और रख-रखाव में तुरंत बहुआयामी सुधार लाने की जरूरत है।—विजय कुमार 


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