देश में जालसाजों का फैलता जाल बोगस अधिकारी बन लोगों को रहे लूट

punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2023 - 04:56 AM (IST)

अब तक तो देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाओं, नकली खादों और कीटनाशकों, नकली करंसी आदि की बात ही सुनी जाती थी, परंतु अब यह बीमारी नकली अधिकारियों तक पहुंचती जा रही है। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए, जिनसे स्पष्ट होता है कि जालसाजी का धंधा किस कदर तेज होता जा रहा है। 

29 सितम्बर को मोहाली (पंजाब) पुलिस ने भारी-भरकम सिक्योरिटी के साथ स्वयं को गृह सचिव हरियाणा, पंजाब पुलिस का इंस्पैक्टर, विधायक तथा एक राजनीतिक पार्टी का महासचिव बता कर लोगों से लगभग 35 करोड़ रुपए की ठगी मारने के मुख्य आरोपी ‘सरबजीत सिंह सिद्धू’ को उसके 2 साथियों राहुल और रवि मिश्रा के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 50.40 लाख रुपए नकद, 99 ग्राम सोना, बोगस पते पर ली गई एक 45 बोर तथा एक .315 बोर की पिस्तौल, अनेक फर्जी आई. कार्ड, पुलिस इंस्पैक्टर रैंक की फर्जी आई.डी., गृहसचिव का फर्जी आई. कार्ड, विदेश के 5 फर्जी ड्राइविंग लाइसैंस,  40 बोगस वीजा स्टीकर, कनाडा के 20 फर्जी पी.सी.आर., सरबजीत का एक असली और 3 फर्जी पासपोर्ट जब्त किए। 

यही नहीं, उसके कब्जे से विधानसभा के 5 स्टीकर, बोगस वीजा स्टीकरों सहित 60 पासपोर्ट,10 कमांडो वर्दियां, मुख्य सचिव हरियाणा का 1 फ्लैग, बोगस आर.सी. वाली 6 कारें, 2 लाल-नीली पुलिस लाइटें, 2 पायलट एस्कॉर्ट फ्लैग, 43 पासबुकें, ए.टी.एम. कार्ड आदि सामान जब्त किया हैै। एस.एस.पी. मोहाली डा. संदीप कुमार गर्ग के अनुसार आरोपी सरबजीत के सारे बैंक अकाऊंट तथा कारोबार राहुल संभालता था तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने के 1 से 2 लाख रुपए लेता था। यह सारी रकम लगभग 61 बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी। उन्होंने बताया कि यदि कोई पीड़ित अपनी रकम वापस मांगता तो सरबजीत उसे धौंस दिखा कर भगा देता था। लोगों को प्रभावित करने के लिए उसने सैक्टर 82 स्थित अपने इमीग्रेशन कार्यालय और डेरा बस्सी स्थित क्लब तथा जिम में लगभग 70 लाख रुपए का फर्नीचर लगा रखा था। यह तो एक उदाहरण मात्र है, इसके अलावा भी कई छोटे-बड़े ठग गिरोह देश के ओर-छोर में सक्रिय हैं : 

*  29 सितम्बर को ही मंडी (हिमाचल प्रदेश) में खुद को सी.बी.आई. अधिकारी बता अपनी गाड़ी पर ‘क्राइम ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन’ का स्टीकर लगा कर घूमने वाले एक व्यक्ति को साइबर पुलिस थाना की टीम ने पकड़ा। सी.बी.आई. में भर्ती करवाने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले इस व्यक्ति के कब्जे से सी.बी.आई. तथा प्रैस रिपोर्टर के जाली आई. कार्ड भी बरामद किए गए।
*  22 सितम्बर को क्राइम ब्रांच इंदौर (मध्य प्रदेश) की टीम ने फर्जी साइबर सैल अधिकारी बन कर शिकायतकत्र्ता से 2.60 लाख रुपए ठग लेने के आरोप में एक शातिर को गिरफ्तार किया। उस पर अन्य अनेक लोगों से भी भारी रकमें ठगने का आरोप है। 

*  10 सितम्बर को धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में खुद को अंडर कवर आई.पी.एस. अधिकारी बता कर नकली रेड करने वाले एक ठग को कांगड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का सदस्य होने का नकली आई.कार्ड, मोटरसाइकिल, 1 कार व 1 पिस्तौल का कवर आदि कब्जे में लिए गए।
*  6 सितम्बर को इंदौर (मध्य प्रदेश) में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने स्वयं को दिल्ली कैडर का आई.ए.एस. अधिकारी बता कर विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अनुचित काम करवाने वाले एक शातिर को गिरफ्तार किया। यहां तक कि उसने एक पुलिस अधिकारी को अपनी शादी के लिए विभिन्न लड़कियों के बायोडाटा तक इकट्ठे करने का काम भी सौंप रखा था।
*  5 सितम्बर को सिमडेगा (झारखंड) में नकली आर.टी.ओ. बन कर  वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहे 3 लोग गिरफ्तार किए गए। 

*  4 सितम्बर को देहरादून (उत्तराखंड) में नकली सी.बी.आई. अधिकारी बन कर लूटने वाले गिरोह का रायपुर पुलिस तथा एस.ओ.जी. ने पर्दाफाश करके अभियुक्तों के कब्जे से लूटी गई रकम 2 लाख रुपए बरामद किए। 
उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि देश में जालसाजी की बुराई किस कदर बढ़ रही है तथा अपराधी तत्व किस सुनियोजित तरीके से लूट व ठगी का कारोबार चला रहे हैं। अत: ऐसे तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि वे समाज और देश से धोखा न कर सकें।—विजय कुमार 


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