देश में लगातार बढ़ रही ‘माफियाओं और गैंगस्टरों की हिंसा’

punjabkesari.in Tuesday, May 07, 2024 - 03:53 AM (IST)

आज देश में जहां एक ओर भ्रष्टाचार तथा महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है, वहीं दूसरी ओर समाज विरोधी तत्वों  से जुड़े विभिन्न माफियाओं तथा गैंगस्टरों द्वारा देश में हिंसा तथा रक्तपात लगातार जारी है। इनके हौसले इतने बढ़ चुके हैं कि वे अपने मार्ग में बाधा बनने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या करने या उसे क्षति पहुंचाने से जरा भी संकोच नहीं करते। विभिन्न माफियाओं तथा गैंगस्टरों द्वारा मचाए उत्पात के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

  • 25 नवम्बर, 2023 को मध्य प्रदेश में शहडोल जिले के गोपालपुर गांव के रेत माफिया ने अवैध खनन रोकने के लिए गश्त कर रहे ‘ब्यौहरी’ रैवेन्यू डिवीजन में तैनात प्रशान सिंह नामक पटवारी को अवैध खनन की गई रेत से लदी ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचल कर मार डाला। 
  • 20 दिसम्बर, 2023 को बिहार के बेगूसराय जिले में शराब तस्करों ने पुलिस द्वारा तलाशी के लिए उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश करने पर एक दरोगा को कुचल डाला जबकि होमगार्ड का एक जवान घायल हो गया।
  • 31 जनवरी, 2024 को भिंड (मध्य प्रदेश) के ‘हिलगवां घाट’ पर रेत का अवैध खनन रोकने गए पुलिस अधिकारियों की गाड़ी को घेर कर रेत माफिया ने उन पर हमला कर दिया तथा लाठी मार कर एक पुलिस कर्मचारी का सिर फोड़ दिया। 
  • 23 मार्च, 2024 को ओडिशा में कटक जिले के ‘दलुआ’ गांव में अवैध शराब और कच्चा माल रखने के आरोपी ‘रवींद्र स्वैन’ के घर पर छापा मारने गई एक्साइज विभाग की टीम पर ‘रवींद्र स्वैन’ और उसके घर वालों ने हमला करके न सिर्फ उनकी गाड़ी को तोड़ डाला बल्कि उनके साथ मारपीट भी की।
  • 5 मई, 2024 को मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ‘ब्यौहारी’ थाना क्षेत्र में रेत के अवैध परिवहन में लगे ट्रैक्टर-ट्राली चालक ने एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक ‘महेंद्र बागरी’ को कुचल कर मार डाला। अवैध खनन के लिए बदनाम इस क्षेत्र में अक्सर पुलिस तथा माफिया के सदस्यों के बीच झड़पें होती रहती हैं। बताया जाता है कि ‘महेंद्र बागरी’ एक फरार आरोपी को पकडऩे के सिलसिले में जा रहे थे। रास्ते में उन्हें ट्रैक्टर-ट्राली दिखाई दी जिस पर रेत लदी हुई थी। उन्होंने उसे रोकना चाहा तो चालक ने ट्रैक्टर सहित भागने का प्रयास करते हुए उन्हें कुचल दिया। 
  • 5 मई, 2024 को ही दिल्ली पुलिस ने गत 22 अप्रैल को हुए अलीपुर गोलीकांड, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी, के सिलसिले में टिल्लू गैंग के 2 शार्प शूटरों को गिरफ्तार किया। उन्होंने यह गोलीबारी अमित दबंग नामक एक गैंगस्टर के कहने पर की थी जो इस समय मंडोली जेल में बंद है। वही फिलहाल टिल्लू गैंग को चला रहा है।  

उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि आज विभिन्न समाज विरोधी माफियाओं  और गैंगस्टरों की गतिविधियां किस कदर बढ़ चुकी हैं कि आम आदमी ही नहीं, बल्कि प्रशासन भी माफिया के हाथों बंधुआ बन कर रह गया है। इसका संकेत 29 अप्रैल, 2022 को भंडारा (महाराष्ट्र) में एक वायरल वीडियो से भी मिला था जब वहां के कुछ पुलिस कर्मचारी रेत माफिया के सदस्यों के साथ पार्टी करते पकड़े गए जिन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया।

इसी तरह की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए 6 जुलाई, 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि ‘‘राजनेताओं, अपराधियों और नौकरशाहों के बीच का अपवित्र गठबंधन मिटा देना चाहिए।’’  लिहाजा इस संबंध में माफिया के विरुद्ध कड़ा अभियान छेडऩे के साथ-साथ उन्हें शरण देने वाले राजनीतिज्ञों और पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों आदि का पता लगा कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए बगैर इस समस्या का हल संभव नहीं। -विजय कुमार 


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