कब्जे वाले कश्मीर (पी.ओ.के.) में पाक के विरुद्ध विद्रोह ‘लोग भारत से जुडऩे को बेचैन’

punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2024 - 04:56 AM (IST)

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पी.ओ.के.) में अनुचित टैक्सों के कारण महंगी बिजली, आटा, दूध, सब्जियों एवं अन्य जीवनोपयोगी वस्तुओं की आकाश छूती कीमतों आदि के विरुद्ध शुरू की गई पूर्ण हड़ताल 13 मई को भी जारी रहने से पूरे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रदर्शनकारी कोहाला-मुजफ्फराबाद रोड बंद कर कई जगह धरने पर बैठे  हैं। चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। बाजार, व्यापारिक केंद्र और शैक्षणिक संस्थान तथा यातायात सेवाएं ठप्प हैं। 

आंदोलन का नेतृत्व कर रही ‘जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी कमेटी’ (जे.ए.ए.सी.) गेहूं के आटे और बिजली पर सबसिडी देने तथा अन्य सुविधाओं के अलावा कुलीन वर्ग के विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग कर रही है।
सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई ङ्क्षहसक झड़पों के बाद पाकिस्तान सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स और फ्रंटियर काप्र्स की अतिरिक्त तैनाती करके कई जगह कफ्र्यू लगा दिया है। 

* 9 मई को पी.ओ.के. में पूर्ण हड़ताल से जनजीवन ठप्प हो गया तथा सरकार ने विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन व इंटरनैट सेवाएं निलंबित कर दीं। 
* 10 मई को निकाले जाने वाले ‘लांग मार्च’ को रोकने के लिए पुलिस ने ‘जे.ए.ए.सी.’   के अनेक कार्यकत्र्ताओं को हिरासत में लेने के अलावा प्रदर्शनकारी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। 
* 11 मई को प्रदर्शनकारियों ने पुंछ-कोटली रोड पर एक मैजिस्ट्रेट की कार सहित कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मुजफ्फराबाद में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया।
* 12 मई को भी पी.ओ.के. में की जाने वाली रैली रोकने के प्रयास के दौरान ङ्क्षहसक झड़पों में एक पुलिस इंस्पैक्टर की मौत व 100 अन्य घायल हो गए।

स्पष्टत: पाकिस्तान के शासकों के अनुचित व्यवहार से तंग आए पी.ओ.के. के लोग खुली बगावत पर उतर आए हैं। भारतीय क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर आज विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है, जिसे वे देख रहे हैं। इसलिए उनका पाकिस्तान सरकार से कहना है कि ‘‘यदि आप लोग हमें सुविधा नहीं देना चाहते तो सीमाएं खोल दें। हम इंडिया जाना चाहते हैं। वहां हमें 2 वक्त की रोटी तो मिल जाएगी, यहां जीना मुश्किल है। पाकिस्तान सरकार यहां से अपने मतलब की चीजें निकाल कर ले जाती है लेकिन हमें जिंदगी गुजारने के लिए रोजमर्रा की जरूरत की जो चीजें चाहिएं, वे हमें नहीं मिलतीं।’’हालत यह है कि आज पी.ओ.के. के विभिन्न हिस्सों में भारतीय तिरंगे लहराए जा रहे हैं। पी.ओ.के. के कस्बा ‘रावलकोट’ में दिन में 6 घंटे बिजली देने की मांग पर बल देने तथा जरूरत से ज्यादा टैक्स लगाने के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान 10 मई को भारतीय तिरंगे लहराए गए। यही नहीं पी.ओ.के. में कुछ स्थानों पर ‘हमें भारत में मिला दो’ नारे लिखे पोस्टर भी लगा दिए गए। 

आंदोलनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तान में पैदा होने वाली सारी बिजली पी.ओ.के. में पड़ते दरियाओं में बने बांध से मिलती है। पहले पी.ओ.के. के लोगों को सस्ती दरों पर बिजली दी जाती थी परंतु अब बिजली पर दी जाने वाली सबसिडी भी समाप्त कर दी गई है, जबकि भारतीय कश्मीर में लोगों को सस्ती दर पर 24 घंटे बिजली देने के अलावा कई तरह की अन्य सुविधाएं भारत सरकार दे रही है। 

अमरीका में ‘डेलवेयर यूनिवर्सिटी’ के प्रोफैसर ‘मुकद्दर खान’ ने गत वर्ष एक साक्षात्कार में कहा था कि ‘‘पाकिस्तान सरकार को भारत का शुक्रिया अदा करना चाहिए क्योंकि भारत के शासकों ने पाकिस्तान की नाजुक हालत का कभी लाभ उठाने की कोशिश नहीं की। भारत यदि चाहे तो युद्ध की घोषणा करके पी.ओ.के. तथा दूसरे हिस्सों को अपने में मिला सकता है।’’कुल मिलाकर इस समय पाक अधिकृत कश्मीर में गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है, जिसे देखते हुए कहना मुश्किल है कि वहां किस समय क्या हो जाए! नवीनतम समाचारों के अनुसार 13 मई को पाकिस्तान सरकार ने इस क्षेत्र में बढ़ती अशांति समाप्त करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपए के अनुदान की घोषणा की है परंतु समय ही बताएगा कि अनुदान की यह राशि पी.ओ.के. की जनता की नाराजगी दूर करने में सफल हो पाती है या नहीं।—विजय कुमार


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