ग्रह नक्षत्र कर रहे हैं परेशान या फिर है कोई और बात, छू मंतर हो जाएगा हर संताप

punjabkesari.in Thursday, Apr 20, 2017 - 12:47 PM (IST)

एक सेठ जी थे, जो व्यापारी होते हुए भी निद्र्वंद्व स्वभाव के थे। उनके रूई के कई गोदाम थे। एक दिन उनका मुनीम अचानक दौड़ता हुआ उनके कक्ष में पुहंचा और बोला, ‘‘सेठ जी! बड़ी बुरी खबर है। तार आया है कि हमारे गोदामों में आग लग गई है, संभवत: लाखों का नुक्सान हो गया हो। अब क्या करें?’’


सेठ जी ने मात्र यह उत्तर दिया, ‘‘जैसी प्रभु की इच्छा है, वैसा ही होगा।’’


इतना कह कर वह जो कार्य कर रहे थे, वही करने में संलग्र हो गए। मुनीम को यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि लाखों के नुक्सान की खबर सुनकर भी सेठ अविचलित भाव से अपना कार्य कर रहे हैं। एक घंटे बाद मुनीम फिर से सेठ जी के कमरे में दौड़ता हुआ आया और बोला, ‘‘सेठ जी! अभी-अभी तो खुशखबरी आई है। हमारे सारे गोदाम सुरक्षित हैं। पहला वाला तार हमें गलती से मिल गया था, वह किसी और का था।’’


इस बार भी सेठ जी ने वही उत्तर दिया, ‘‘जैसी प्रभु की इच्छा होती है, वैसा ही होगा।’’


मुनीम को समझ में आ गया कि सब कुछ ईश्वर की इच्छा मानकर उन पर छोड़ देने वाले मन:स्थिति से निद्र्वंद्व रहते हैं और परिस्थितियों से सुरक्षित रहते हैं, क्योंकि जब रक्षा करने वाला स्वयं भगवान है तो उन्हें कौन क्या कष्ट दे सकेगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News