A.P.J. Abdul Kalam Story: हर उपहार का होता है कोई खास मकसद, लेनें से पहले ध्यान रखें ये बात

punjabkesari.in Thursday, Apr 04, 2024 - 11:16 AM (IST)

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A.P.J. Abdul Kalam Story: आजादी के बाद कलाम के पिता को ग्राम सभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। कुछ समय बाद ही एक व्यक्ति उनके घर आया। उस समय घर में केवल कलाम थे और वह पढ़ रहे थे।

कलाम के पिता को न पाकर वह उनसे बोला,  “बेटा, मैं तुम्हारे पिता जी के लिए कुछ लाया हूं। जब वह लौट कर आएं तो मेरी तरफ से यह सामान उन्हें दे देना।”

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कुछ समय बाद कलाम के पिता घर लौटे तो उन्होंने एक चांदी की तश्तरी में रखे तोहफे देखे।

वह कलाम से बोले, “बेटा ये तोहफे कहां से आए।”

कलाम ने कहा, “पिता जी एक व्यक्ति आया था। वह आपके लिए यह सामान यहां रखकर गया है।” पिता ने तोहफों को खोलकर देखा तो पाया कि उनमें कुछ कीमती कपड़े, चांदी के प्याले और मिठाई थी। यह देखते ही वह नाराज हो गए।

उन्हें ज्यादा गुस्सा यह सोचकर आया कि वह व्यक्ति कलाम की उपस्थित में ही तोहफों को रख गया था फिर भी इसने उसे रोका नहीं। उन्होंने कलाम को थप्पड़ जड़ दिया और गुस्से से इधर-उधर घूमते रहे। थोड़ी देर में उन्हें एहसास हुआ कि बच्चे के साथ कुछ ज्यादा सख्ती हो गई।

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वह उदास कलाम के पास पहुंचे और प्रेम से सिर पर हाथ फेरते हुए बोले, “बेटा आगे से मेरी इजाजत के बिना किसी से कोई तोहफा स्वीकार मत करना। उपहार हमेशा किसी खास मकसद से दिए जाते हैं।”

पिता की ये बातें कलाम के जेहन में बस गईं। जीवन भर वह कभी तोहफों के लालच में नहीं आए।

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Content Editor

Prachi Sharma

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