शनि-मंगल का वृश्चिक राशि में मेल, राशि अनुसार जानिए कौन हुआ पास और कौन फेल
punjabkesari.in Tuesday, Feb 23, 2016 - 04:48 PM (IST)

वैदिक ज्योतिष अनुसार दो या अधिक ग्रहों के आपसी संबंध से ज्योतिषीय योग का निर्माण होता है। यह संबंध उनकी एक भाव में युति, विनिमय, परस्पर दृष्टि द्वारा जन्मकुंडली में बनता है। शुभ ग्रहों द्वारा निर्मित योग शुभ फलदायी व अशुभ ग्रहों का योग जातक के लिए कष्टकारी होता है। शनि व मंगल दोनों ही पापी ग्रह हैं व एक दूसरे के वैरी हैं। अतः कुंडली में इनका योग अशुभ फलदायी होता है। इन विपरीत स्वभाव वाले ग्रहों का योग स्वभावतः भाव स्थिति संबंधी उथल-पुथल पैदा करता है। सभी ज्योतिष ग्रंथों में इस योग का फल बुरा ही बताया है। कुछ आचार्यों ने इसे ‘द्वंद्व योग’ की संज्ञा दी है। ‘द्वंद्व’ का अर्थ है लड़ाई। यह योग लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में होने पर मंगल दोष को अधिक अमंगलकारी बनाता है जिसके फलस्वरूप जातक के जीवन में विवाह संबंधी कठिनाइयां आती हैं। विवाह के रिश्ते टूटते हैं, विवाह देर से होता है, विवाहोत्तर जीवन अशांत रहता है, तथा विवाह विच्छेद तक की स्थिति पैदा हो जाती है।
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वैदिक ज्योतिष की पंचांग प्रणाली अनुसार शनि और मंगल की युति शनिवार दिनांक 20.02.16 शाम को 05 बजकर 6 मिनट पर हो गई है। इसी के साथ ही मंगल ने राशि परिवर्तन भी कर लिया है। इससे पूर्व मंगल अपने शत्रु शुक्र की राशि तुला में और बृहस्पति के नक्षत्र विशाखा के तीसरे चरण में गोचर कर रहे थे। दिनांक 20.02.16 शाम को 05 बजकर 6 मिनट पर मंगल अपनी राशि वृश्चिक में प्रवेश कर गए हैं तथा बृहस्पति के नक्षत्र विशाखा के चौथे चरण में गोचर कर रहे हैं। वृश्चिक राशि में पहले से ही शनिदेव विराजमान हैं तथा अपने मित्र बुध के नक्षत्र जेष्ठा के दूसरे चरण में गोचर कर रहे हैं। मंगल के वृश्चिक राशि में आने पर शनि और मंगल के बीच "द्वंद्व योग" योग का निर्माण भी हो गया है। यह योग कई मायनों में पूरे संसार के लिए घटक है। अलग-अलग राशियों पर इन का अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों को इन सब से बचने के लिए उनकी राशि के अनुसार हम कुछ साधारण से उपाय बता रहे है।
मेष: व्यापार में वृद्धि होगी। दांपत्य में कलह के कारण घर का वातावरण दूषित रहेगा। भाग दौड़ अधिक रहेगी।
वृष: क़र्ज़ से मुक्ति मिल सकती है। शत्रु पर विजय प्राप्त होगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान करें।
मिथुन : विद्या में उन्नति होगी। व्यापार में धोखा मिल सकता है। मन की इच्छाएं पूर्ण होंगी।
कर्क: भूमि व मकान का सुख मिलेगा। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अपने प्रति लापरवाही न करें।
सिंह: पराक्रम में वृद्धि होगी। विदेशों से भी लाभ के योग हैं। ओवर कॅन्फिडन्स से बचे।
कन्या: धन वृद्धि का अच्छा योग है। विद्या में सफलता मिलेगी। अपनी वाणी पर संयम रखें।
तुला: सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
वृश्चिक: दैनिक खर्चा अधिक होगा। क़र्ज़ बढ़ने के आसार हैं। विदेश यात्रा का भी योग है।
धनु: इच्छाओं की पूर्ति होगी, लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। भाईयों से अनबन होगी।
मकर: राजनीति में सफलता मिलेगी। उच्च पदवी के योग हैं। पिता को कष्ट होगा।
कुंभ: भाग्य में उन्नति होगी। विदेश से लाभ होगा। पैतृक संपत्ति में नुकसान के योग हैं।
मीन: गुप्त धन की प्राप्ति होगी। विदेश में सफलता के योग हैं। सड़क दुर्घटना के योग हैं।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com