वैश्विक कपड़ा निर्यात में दोहरे अंकों की हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य तय करे उद्योग: नायडू
punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 06:04 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि देश के परिधान उद्योग को वैश्विक कपड़ा निर्यात में दोहरे अंकों की हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए, जो इस समय 5-6 फीसदी है।
उन्होंने निर्यात में प्रतिस्पर्धा हासिल करने के लिए श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने तथा नवीनतम तकनीकों को अपनाने का भी आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा, ‘‘हमें जल्द ही परिधान के निर्यात में मौजूदा 5-6 प्रतिशत से बढ़कर दोहरे अंकों में हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य तय करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि उद्योग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि कपास, जूट, रेशम और एमएमएफ धागों के प्रमुख उत्पादक और निर्यातक होने के बावजूद भारत में बांग्लादेश और चीन की तुलना में कपड़ों और परिधानों में प्रतिस्पर्धी बढ़त का अभाव है।
नायडू ने कहा, ‘‘वे भारतीय धागों के सबसे बड़े खरीदार हैं। वे इसका मूल्यवर्धन करते हैं और भारत की तुलना में कम कीमत पर कपड़े और परिधान बेचते हैं। ऐसा काफी हद तक भारत में बुनाई क्षेत्र के असंगठित होने के चलते है। हमें और अधिक तिरुपुर की जरूर है।’’
गौरतलब है कि तमिलनाडु में स्थित तिरुपुर तेजी से कपड़ों और परिधान के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने निर्यात में प्रतिस्पर्धा हासिल करने के लिए श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने तथा नवीनतम तकनीकों को अपनाने का भी आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा, ‘‘हमें जल्द ही परिधान के निर्यात में मौजूदा 5-6 प्रतिशत से बढ़कर दोहरे अंकों में हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य तय करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि उद्योग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि कपास, जूट, रेशम और एमएमएफ धागों के प्रमुख उत्पादक और निर्यातक होने के बावजूद भारत में बांग्लादेश और चीन की तुलना में कपड़ों और परिधानों में प्रतिस्पर्धी बढ़त का अभाव है।
नायडू ने कहा, ‘‘वे भारतीय धागों के सबसे बड़े खरीदार हैं। वे इसका मूल्यवर्धन करते हैं और भारत की तुलना में कम कीमत पर कपड़े और परिधान बेचते हैं। ऐसा काफी हद तक भारत में बुनाई क्षेत्र के असंगठित होने के चलते है। हमें और अधिक तिरुपुर की जरूर है।’’
गौरतलब है कि तमिलनाडु में स्थित तिरुपुर तेजी से कपड़ों और परिधान के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है।
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