जो दूसरों का दिल बचाते थे, उनका दिल थमा; डॉ. ग्रैडलिन रॉय की मौत से चिकित्सा जगत में शोक की लहर
punjabkesari.in Sunday, Aug 31, 2025 - 10:44 AM (IST)

नेशनल डेस्क: चेन्नई के सविता मेडिकल अस्पताल में 39 वर्षीय कंसल्टेंट कार्डियक सर्जन डॉ. ग्रैडलिन रॉय की बुधवार को ड्यूटी के दौरान अचानक मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब वे अस्पताल में अपने नियमित वार्ड राउंड पर थे। अचानक बेहोश होने के बाद उन्हें तुरंत इमरजेंसी यूनिट में ले जाया गया जहां उन्हें बचाने के लिए हर संभव कोशिश की गई, लेकिन जीवन नहीं बचाया जा सका।
जान बचाने की हर कोशिश नाकाम रही
हैदराबाद के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने इस दुखद घटना की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए बताया कि डॉ. ग्रैडलिन रॉय के सहकर्मियों ने उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए। सबसे पहले उन्हें तुरंत सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया गया ताकि हृदय की गति को दोबारा शुरू किया जा सके। इसके तुरंत बाद इमरजेंसी एंजियोप्लास्टी की गई और धमनी में रुकावट को दूर करने के लिए स्टेंटिंग की गई। उनकी स्थिति बिगड़ती देख इंट्रा-एओर्टिक बैलून पंप (IABP) का इस्तेमाल किया गया ताकि हृदय पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके। जब ये उपाय भी नाकाफी साबित हुए तो उन्हें ईसीएमओ (एक्स्ट्रा-कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) तकनीक पर भी रखा गया, जो शरीर को कृत्रिम रूप से ऑक्सीजन देने और हृदय व फेफड़ों का कार्य संभालने में मदद करती है। लेकिन अफ़सोस, उनकी बाईं मुख्य कोरोनरी धमनी में 100% रुकावट होने के कारण जो गंभीर कार्डियक अरेस्ट हुआ, उसने शरीर को इतना नुकसान पहुंचाया कि तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
परिवार में छोटा बेटा और पत्नी रह गए पीछे
डॉ. ग्रैडलिन रॉय अपने पीछे अपनी पत्नी और एक छोटे बेटे को छोड़ गए हैं। एक सफल हृदय शल्य चिकित्सक के रूप में उन्होंने कई जिंदगियों को बचाया, लेकिन अपनी ही जिंदगी नहीं बचा पाए। यह एक दिल दहला देने वाली विडंबना है।
चिकित्सा बिरादरी में शोक की लहर
डॉ. रॉय की असामयिक मृत्यु ने मेडिकल समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर सैकड़ों डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने दुख जताया है और इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है कि आज के दौर में डॉक्टरों की स्वास्थ्य सुरक्षा को कितना नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।