‘महिलाओं को मिले एक मर्डर की छूट...’, इस दिग्गज महिला नेता ने राष्ट्रपति से की ये मांग
punjabkesari.in Sunday, Mar 09, 2025 - 05:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता रोहिणी खडसे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर एक अनोखी मांग की है। उन्होंने महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए एक हत्या करने की अनुमति देने की अपील की है। यह मांग महिला सुरक्षा के गंभीर हालात और बढ़ते अपराधों के संदर्भ में की गई है।
महिलाओं को आत्मरक्षा में हत्या की अनुमति देने की मांग
एनसीपी (शरदचंद्र पवार गुट) की महिला शाखा की अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने हाल ही में एक पत्र लिखकर राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि महिलाओं को अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक हत्या करने की छूट दी जाए। उनकी यह मांग मुंबई में एक 12 वर्षीय बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के संदर्भ में आई है। खडसे का कहना है कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया इतनी धीमी और जटिल है कि पीड़िताओं को न्याय मिलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "हम उस मानसिकता को खत्म करना चाहते हैं जो यौन हिंसा और अत्याचार को बढ़ावा देती है। हमें आत्मरक्षा में एक हत्या की अनुमति दी जाए।"
मा. द्रौपदी मूर्मू
— Adv Rohini Eknathrao Khadse (@Rohini_khadse) March 8, 2025
राष्ट्रपती, भारत @rashtrapatibhvn
विषय :- एक खुन माफ करणेबाबत
महोदया,
सर्वात प्रथम आपल्याला जागतिक महिला दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा ! आपला देश हा महात्मा बुद्ध आणि महात्मा गांधींचा देश म्हणून ओळखला जातो. जे शांतीचे अहिंसेचे मोठे प्रतीक आहे तरी आपली क्षमा… pic.twitter.com/bE8JMogdZ7
महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता
रोहिणी खडसे ने अपने पत्र में विश्व जनसंख्या समीक्षा सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि भारत को एशिया में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए लिखा कि महारानी ताराबाई और अहिल्याबाई होल्कर ने अपने राज्य और लोगों की रक्षा के लिए तलवार उठाई थी। आज जब देश में महिलाओं की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है, तो हमें भी अपने बचाव के लिए मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि महात्मा गांधी और महात्मा बुद्ध की अहिंसा की भूमि पर इस तरह की मांग करना दुखद है।
एनसीआरबी रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज हुए। यह आंकड़ा दर्शाता है कि औसतन हर घंटे 51 एफआईआर दर्ज की जाती हैं।
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2021 में महिलाओं के खिलाफ 4,28,278 मामले दर्ज हुए थे।
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2020 में यह आंकड़ा 3,71,503 था।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है।