Indian Politics 2025: राहुल गांधी से केजरीवाल तक... 2025 बना नेताओं के लिए ‘राजनीतिक कब्रिस्तान’, इन दिग्गज नेताओं के जनता ने किया OUT!
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 11:50 AM (IST)
Indian Politics 2025: साल 2025 में देश में कई उतार- चढ़ाव देखे गए हैं। इसके अलावा देश की राजनीति में कुछ दिग्गज चेहरों के लिए ये साल बेकार रहा। चुनावी मैदान में पटखनी खाने के बाद अब इन नेताओं के सामने 2026 में अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बचाने की बड़ी चुनौती है। आइए नजर डालते हैं उन चेहरों पर, जिनके लिए 2025 'हार का साल' साबित हुआ।

1. अरविंद केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 AAP के लिए सबसे बड़ा झटका रहा। भ्रष्टाचार के आरोपों और 'शीशमहल' विवाद के बीच जनता ने 'आप' को सत्ता से बेदखल कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि खुद अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए। उनके दाहिने हाथ माने जाने वाले मनीष सिसोदिया को भी हार का स्वाद चखना पड़ा। अब केजरीवाल का पूरा फोकस पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों पर है, ताकि 2026 के स्थानीय चुनावों में वो वापसी की जमीन तैयार कर सकें।

2. तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 तेजस्वी यादव के लिए मुख्यमंत्री बनने का सुनहरा मौका था। पिता लालू यादव के साये में लड़े गए इस चुनाव में आरजेडी ने पूरी ताकत झोंकी, लेकिन नतीजा उम्मीद के उलट रहा। आरजेडी महज 25 सीटों पर सिमट गई और तेजस्वी सत्ता के करीब पहुँचने के बजाय विपक्ष की बेंच पर सबसे नीचे जा गिरे। अब उनके सामने अपनी पार्टी को टूटने से बचाने और 2026 में नए गठबंधन तलाशने की चुनौती है।

3. राहुल गांधी
कांग्रेस के लिए 2025 का साल एक बार फिर शून्य और सन्नाटा लेकर आया। दिल्ली में पार्टी का खाता तक नहीं खुला, वहीं बिहार में राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' और 'वोट चोर, गद्दी छोड़' का नारा बेअसर रहा। बिहार में कांग्रेस की हालत इतनी खराब रही कि वह ओवैसी की पार्टी (AIMIM) के बराबर (6 सीटें) पहुँच गई। राहुल गांधी के लिए 2026 का साल संगठन को दोबारा खड़ा करने का आखिरी मौका हो सकता है।

4. प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार में 'सरकार बनाने या पूरी तरह हारने' की बात कही थी। जनता ने उन्हें दूसरा विकल्प दिया। उनकी पार्टी 'जन सुराज' को एक भी सीट नहीं मिली और 99% उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। पीके ने इस हार के बाद मौन व्रत भी रखा, लेकिन 2026 में उनकी सक्रियता किस करवट बैठेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
5. तेज प्रताप और मुकेश सहनी
बिहार की राजनीति के 'सन ऑफ मल्लाह' मुकेश सहनी, जिन्हें महागठबंधन ने डिप्टी सीएम का चेहरा बनाया था, 2025 में 'जीरो बैलेंस' पर आ गए। वहीं तेज प्रताप यादव भी पारिवारिक कलह और पार्टी के भीतर अपनी उपेक्षा के कारण हाशिये पर चले गए।
