सरकार ने क्यों बुलाया संसद का विशेष सत्र?, सामने आई पहली जानकारी

punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2023 - 05:57 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र क्यों और किसलिए बुलाया है। अब इसको लेकर पहली जानकारी सामने आ गई है। राज्यसभा की ओर से बुधवार रात को जारी पार्लियामेंट्री बुलिटेन के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को राज्यसभा में "संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा - उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख" पर चर्चा होगी। इसके अलावा दो बिल भी राज्यसभा में पेश किये जा सकते हैं। बताते चलें कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर को शुरू होगा और 22 सितंबर तक चलेगा।

राज्यसभा की ओर से जारी संसदीय बुलेटिन के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को राज्यसभा में "संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा - उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख" पर चर्चा होगी। इसके अलावा दो बिल, पोस्ट ऑफिस बिल 2023 और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित बिल राज्यसभा में पेश किए जाएंगे। दोनों बिल राज्यसभा से पास होने के बाद लोकसभा के पटल पर रखे जाएंगे। 
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लोकसभा में आएंगे दो बिल
लोकसभा सचिवायल ने बताया कि विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में दो बिल पेश किये जाएंगे। इनमें एडवोकेट्स अमेडमेंट बिल 2023, प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल 2023 पेश किए जाएंगे। दोनों बिल राज्यसभा से पहले ही पास हो चुके हैं। एडवोकेट्स अमेडमेंट बिल 2023, 3 अगस्त को राज्यसभा से पास हो चुका है और 4 अगस्त को इसे लोकसभा में रखा गया था। प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल 2023 भी 3 अगस्त को राज्यसभा से पास हुआ था। 4 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। लेकिन हंगामे के कारण दोनों ही बिल लोकसभा से पास नहीं हो सके।
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सरकार ने बुलाया पांच दिवसीय विशेष सत्र
सरकार ने मानसून सत्र के 1 महीने बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया है। यह सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और 22 सितंबर तक चलेगा। विशेष सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होगा। किसी भी सदन में प्राइवेट बिल पेश नहीं होगा।
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सोनिया गांधी ने लिखा सरकार को लिखा था पत्र
वहीं, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए। उन्होंने पत्र में कहा, “मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है।''
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बता दें कि अमृत काल के बीच ‘संसद का विशेष सत्र' 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में G20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। जोशी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं।  


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Content Writer

Yaspal

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