18 साल का होने पर खुद ब खुद बन जाएगा वोटर कार्ड, संसद में विधेयक लाएगी मोदी सरकार

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 08:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि सरकार जन्म और मृत्यु से जुड़े आंकड़ों को मतदाता सूची और समग्र विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय 'जनगणना भवन' का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि जनगणना एक ऐसी प्रक्रिया है जो विकास के एजेंडे का आधार बन सकती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल, पूर्ण और सटीक जनगणना के आंकड़ों के बहुआयामी लाभ होंगे। उन्होंने कहा कि जनगणना के आंकड़ों पर आधारित योजना से यह सुनिश्चित होता है कि विकास गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचे।

शाह ने यह भी कहा कि यदि जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के आंकड़ों को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो विकास कार्यों की समुचित योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘मृत्यु और जन्म रजिस्टर को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, जब कोई व्यक्ति 18 वर्ष का होगा, तो उसका नाम स्वत: मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा। इसी तरह, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होगी, तो वह जानकारी स्वत: ही चुनाव आयोग के पास जाएगी, जो मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।''

अधिकारियों ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (आरबीडी), 1969 में संशोधन विधेयक से ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने और लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने से संबंधित मामलों आदि में भी सुविधा होगी। शाह ने कहा, ‘‘यदि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के आंकड़ों को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो जनगणना के बीच के समय का अनुमान लगाकर विकास कार्यों की योजना सही ढंग से की जा सकती है।'' उन्होंने कहा कि पहले विकास की प्रक्रिया टुकड़ों में पूरी होती थी क्योंकि विकास के लिए पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।

संशोधन विधेयक से क्या लाभ होंगे?
अमित शाह के ऐलान के बाद ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 में संशोधन किए तो इसका क्या प्रभाव होगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे कई काम आसान हो जाएंगे। अधिकारियों की मानें तो इस कदम से ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने से लेकर अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने तक, कई चीजें काफी सुविधाजनक हो जाएंगी।

अधिकारी भी यही कहते हैं कि अगर जन्म और मृत्यु से जुड़े आंकड़े खास तरीके से रखे जाएं तो जनगणना के बीच के समय में आंकड़ों का अनुमान लगाकर विकास योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। पहले आंकड़ों के अभाव में ये संभव नहीं था। गृह मंत्री शाह ने जनगणना भवन के साथ ही जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया था।

अमित शाह ने क्या कहा था
गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना को लेकर नया बिल संसद में लाने का ऐलान करते हुए कहा था कि इसमें हर तरह के डेटा की ऑनलाइन एंट्री होगी। जनसंख्या से जुड़ी हर एक जानकारी ऑनलाइन होगी। उन्होंने इसे विकास की मूल योजना से जोड़ने का ऐलान करते हुए कहा था कि जनगणना रजिस्टर के जरिए संबंधित विभागों को जरूरी सूचनाएं समय पर मिल पाएंगी।

शाह ने कहा था कि देश के लिए ये नई जनगणना सटीक और कारगर साबित होगी। इसमें हर तरह की जानकारी होगी। उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 70 साल से जनगणना की सही जानकारी नहीं थी जिसकी वजह से बजट में जरूरत के मुताबिक योजनाओं का निर्माण समय पर नहीं हो सका। गौरतलब है कि देश में पिछले जनगणना 2011 में हुई थी। इस हिसाब से जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देर हुई।

 


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Content Writer

Yaspal

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