शिमला समझौता खतरे में! भारत ने लिया बड़ा एक्शन, अब पाकिस्तान खुद फंसा अपने ही जाल में

punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 04:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देने के लिए बड़ा एक्शन लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक में केंद्र सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला लिया। यह कदम भारत की तरफ से पाकिस्तान को कड़ा जवाब माना जा रहा है। भारत की इस आक्रामक रणनीति के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब पाकिस्तान शिमला समझौता रद्द करने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान का मानना है कि अगर सिंधु जल समझौता निलंबित किया जा सकता है, तो अन्य द्विपक्षीय समझौते भी खतरे में पड़ सकते हैं।

क्या है शिमला समझौता?

शिमला समझौता (Shimla Agreement) 2 जुलाई 1972 को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। यह समझौता 1971 के युद्ध के बाद भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य था-

  • दोनों देशों के बीच तनाव कम करना

  • भविष्य में शांति और सह-अस्तित्व की दिशा में काम करना

  • विवादों का हल सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता के जरिए करना

  • तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से परहेज

भारत ने 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को लौटाया था

1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को बंदी बना लिया था। शिमला समझौते के तहत ही भारत ने पाकिस्तान को ये सैनिक वापस सौंपे थे।

अगर पाकिस्तान रद्द करता है शिमला समझौता, तो क्या होगा?

यदि पाकिस्तान शिमला समझौते को रद्द करता है तो उसे राजनयिक और सामरिक स्तर पर भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

  • कश्मीर को द्विपक्षीय मसला मानने की जो आधारशिला शिमला समझौते में रखी गई थी, वो खत्म हो जाएगी।

  • भारत यह तर्क दे सकता है कि पाकिस्तान ने खुद ही द्विपक्षीयता की नीति को तोड़ा है।

  • इससे भारत को कश्मीर नीति पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाथ खोलने का मौका मिल सकता है।

  • पाकिस्तान की यह हरकत उसे संयुक्त राष्ट्र में अलग-थलग कर सकती है।

भारत की रणनीति अब आक्रामक!

पहलगाम हमले के बाद भारत की नीति अब और भी सख्त दिखाई दे रही है। सरकार ने यह संकेत दे दिया है कि आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिंधु जल समझौते को निलंबित करना इसी कड़ी का हिस्सा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि प्रहार करेगा।

पाकिस्तान के पास अब विकल्प क्या हैं?

  1. शिमला समझौते को बनाए रखे और द्विपक्षीय वार्ता की ओर लौटे

  2. समझौता रद्द करे, जिससे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे घेरने का मौका मिल जाए

  3. आतंकी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करके संबंध सुधारने की दिशा में कदम उठाए


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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