टैरिफ युद्ध के बीच 4 साल बाद भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन: रिपोर्ट
punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 04:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगस्त के अंत तक भारत दौरे पर आ सकते हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मास्को में रूसी सुरक्षा परिषद प्रमुख सर्गेई शोइगू से मुलाकात के दौरान दी। डोभाल की यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है।
पुतिन चार साल बाद भारत आ रहे हैं। वे आखिरी बार दिसंबर 2021 में भारत आए थे, जब दिल्ली में भारत-रूस का 21वां वार्षिक शिखर सम्मेलन हुआ था। उस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी।
डोभाल ने क्या कहा?
इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार, मॉस्को में हुई बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने कहा, “हमें खुशी है कि राष्ट्रपति पुतिन अगस्त के अंत में भारत आने वाले हैं। हमें इस दौरे से सकारात्मक परिणामों की उम्मीद है।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अमेरिका और रूस के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है।
रूस ने भी की पुष्टि
रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के सीईओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच शिखर बैठक अगले सप्ताह हो सकती है और इसकी तैयारियां जारी हैं। इसे एक ऐतिहासिक मुलाकात बताया जा रहा है।
Russia confirms Putin-Trump summit may happen next week and summit preparations are ongoing. This can be a historic meeting. 🕊️
Dialogue will prevail.
🇷🇺🤝🇺🇸
— Kirill A. Dmitriev (@kadmitriev) August 7, 2025
अमेरिका-भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव
पुतिन के संभावित भारत दौरे की खबर ऐसे समय आई है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया है, जिसके तहत भारत से होने वाले आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया गया है। व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात को लेकर उठाया गया है। अब अमेरिकी टैरिफ दर कुल मिलाकर 50% तक पहुंच गई है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बनने की आशंका जताई जा रही है।