पाकिस्तान का 78 साल का ‘आतंकी खेल’ बेनकाब, नई रिपोर्ट में 1947 से 2025 तक भारत पर हमलों की पूरी कहानी उजागर

punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 01:13 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव की सबसे बड़ी वजह हमेशा से आतंकवाद रहा है। अब एक नई रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान ने 1947 से 2025 तक लगातार आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति (State Policy) की तरह इस्तेमाल किया है। इन दशकों में भारत पर हुए ज्यादातर हमलों के पीछे पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका सामने आई है। इसके बावजूद भारत ने अपनी एकता, स्थिरता और ताकत बनाए रखी।

थिंक टैंक NatStrat ने बुधवार को “‘1947 से 2025 तक पाकिस्तान के भारत पर आतंकी हमलों की क्रोनोलॉजी’” नाम की रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट 26/11 मुंबई हमलों की 17वीं बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में पेश की गई।

रिपोर्ट में पूरे 78 वर्षों को पांच चरणों में बांटकर बताया गया है कि कैसे पाकिस्तान ने अलग-अलग दौर में अपने तरीके बदले, लेकिन आतंकवाद को भारत के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करता रहा।

फेज–I : शुरुआती संघर्ष (1947–1971)- कश्मीर पर कब्जे की कोशिश से युद्ध तक

1947–48 : कबायली हमले और पहला भारत–पाक युद्ध
आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने कबायली लड़ाकों और सैनिकों को कश्मीर पर कब्जा करने भेजा। इससे पहला युद्ध छिड़ गया।

1960 का दशक : पूर्वोत्तर में उग्रवाद को हवा
ISI ने नागा और मिजो उग्रवादियों को हथियार और ट्रेनिंग दी।

1965 : ऑपरेशन जिब्राल्टर
पाकिस्तानी सैनिक आम नागरिक बनकर कश्मीर में घुसे। योजना फेल हुई और युद्ध छिड़ गया।

1971 : ऑपरेशन चंगेज़ खान
पाकिस्तान ने भारत पर अचानक हवाई हमला किया। भारत की जवाबी रणनीति से ढाका में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया- बांग्लादेश का जन्म हुआ।

फेज–II : प्रॉक्सी वॉर की शुरुआत (1972–1989)

पाकिस्तान ने इस दौर में आतंकवाद को औपचारिक रणनीति की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया।

  • 1971 : इंडियन एयरलाइंस विमान ‘गंगा’ का हाइजैक
  • 1984 : भारतीय राजनयिक रविंदर मैथरे की हत्या (KLA द्वारा)
  • 1984 : फिर से विमान हाइजैक, खालिस्तान आंदोलन को ISI का खुला समर्थन
  • पंजाब में हथियार, ट्रेनिंग और फंड देकर अलगाववाद को बढ़ावा

फेज–III : बड़े शहर निशाने पर (1990–2000)

  • 1990 के बाद : K2 प्रोजेक्ट
  • ISI का कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने का प्लान।
  • 1993 : मुंबई सीरियल ब्लास्ट, 257 मौतें—ISI की भूमिका के सबूत
  • 1996 : लाजपत नगर ब्लास्ट
  • 1998 : कोयंबटूर धमाका
  • 1999 : करगिल युद्ध—पाकिस्तानी सैनिक आतंकियों के रूप में घुसे
  • 1999 : IC-814 हाइजैक, भारत को मसूद अजहर, उमर शेख और जकी-उर-रहमान लखवी को छोड़ना पड़ा
  • 2000 : लाल किला हमला

फेज–IV : राष्ट्र के प्रतीकों पर वार (2001–2009)

  • 2001 : संसद हमला—JeM के आतंकी, ISI की सीधी भूमिका
  • 2002 : अक्षरधाम हमला
  • 2005 : दिल्ली धमाके
  • 2006 : मुंबई ट्रेन ब्लास्ट
  • 2008 : काबुल भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला
  • 2008 : 26/11 मुंबई हमला—LeT के 10 आतंकी, 166 लोग मारे गए

यह हमला भारत–पाक रिश्तों को लगभग तोड़ने वाली घटना बन गया।

फेज–V : नई पाकिस्तान रणनीति और भारत की कड़ी कार्रवाई (2010–2025)

  • 2010 : पुणे जर्मन बेकरी ब्लास्ट—कराची प्रोजेक्ट लिंक
  • 2016 : पठानकोट और उरी हमला
  • भारत का जवाब—सर्जिकल स्ट्राइक
  • 2019 : पुलवामा हमला, 40 CRPF जवान शहीद
  • भारत ने किया बालाकोट एयरस्ट्राइक
  • 2025 : पहलगाम हमला

TRF (LeT का फ्रंट) ने 26 पर्यटकों की हत्या की। हमलावर पाकिस्तान ट्रेनिंग से जुड़े पाए गए। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर जवाब दिया।


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News Editor

Parveen Kumar

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