IND vs SA: इन 4 कारणों से हुई भारत की शर्मनाक हार, अब शनिवार को होगा फाइनल मुकाबला
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 11:29 PM (IST)
नेशनल डेस्क: रायपुर में खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले में टीम इंडिया को करारी शिकस्त मिली। भारत ने मेहमान दक्षिण अफ्रीका को 359 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, लेकिन भारतीय गेंदबाज़ी इस स्कोर की रक्षा करने में पूरी तरह नाकाम रही। अफ्रीका ने भारत को हराकर सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर ला दिया। अब फ़ैसला शनिवार को विशाखापट्टनम में होने वाले आख़िरी वनडे में होगा।
मैच में कुछ पल ऐसे थे जब भारत के लिए उम्मीद जगती दिखी, लेकिन असलियत यही है कि मुकाबला काफी पहले हाथ से फिसल चुका था। आइए समझते हैं कि टीम इंडिया आखिर कहां पिछड़ गई-
पेसर बिल्कुल असरदार नहीं- क्यों चूक गया तेज़ गेंदबाज़ी हमला?
रायपुर की पिच बाद में बल्लेबाज़ी के लिए बेहद आसान हो चुकी थी। भारतीय पेसरों ने ज़ोर तो खूब लगाया, लेकिन वे शतकवीर एडेन मार्करम के सामने बेबस दिखे।
- प्रसिद्ध कृष्णा ने दूसरे स्पेल में अच्छी वापसी करते हुए विकेट जरूर निकाले।
- लेकिन अर्शदीप और राणा कोई बड़ा असर नहीं डाल सके।
स्लॉग ओवरों में ब्रीट्जे और जानसेन के विकेट ने थोड़ी उम्मीद जगाई, लेकिन तब तक दक्षिण अफ्रीका का रन रेट बेहद आसान हो चुका था और इन झटकों का उन पर कोई असर नहीं पड़ा।
स्पिनर भी रहे फीके- धोखा दे गई पिच
स्पिनरों ने पूरी कोशिश की- गति बदली, एंगल बदला, विविधता लाई- लेकिन पिच पर कोई टर्न न होने से वे असफल रहे। भारतीय स्पिन अटैक पूरा मैच दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ों को बांधने में नाकाम रहा।
यशस्वी जायसवाल की बड़ी गलती- महंगा साबित हुआ मार्करम का कैच
मैच का सबसे बड़ा मोड़ रहा यशस्वी जायसवाल का छोड़ा हुआ आसान कैच। कुलदीप यादव के 18वें ओवर में मार्करम ने बड़ा शॉट खेला- जायसवाल दौड़े, लेकिन
- सही पोज़िशन नहीं ले सके
- गेंद हाथ में आने के बावजूद गिरा दी
- और वह छक्का बन गया
तब मार्करम 53 रन पर थे। बाद में उन्होंने 110 रन बनाए। यानी छोड़ा गया कैच भारत को 57 रन भारी पड़ गया- और यही हार की निर्णायक वजह बनी।
“टॉस इज़ बॉस”- ओस ने बिगाड़ा भारत का खेल
भारत अगर टॉस जीतता तो पहले गेंदबाज़ी करता, क्योंकि रात में ओस पड़ने से गेंद हाथ में नहीं रहती और स्पिनर पूरी तरह बेअसर हो जाते हैं। दक्षिण अफ्रीका ने इसी फायदा उठाया- ओस के साथ बल्लेबाज़ी आसान हो गई और भारतीय गेंदबाज संघर्ष करते रह गए।
