वाघेला बोले-कांग्रेस में रची जा रही मेरे खिलाफ साजिश, सोनिया के प्रति वफादारी का वक्त पूरा

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 10:58 AM (IST)

अहमदाबाद: गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता शंकर सिंह वाघेला की पार्टी के प्रति नाराजगी एक बार फिर सामने आई है। शनिवार को गांधीनगर में 3000 से ज्यादा समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने  कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रति उनकी प्रतिबद्धता पूरी हो गई है। वाघेला ने कहा, '2004 में जब मुझे यूपीए सरकार में मंत्री बनाया गया, तब सोनिया गांधी ने मुझ पर भाजपा और आरएसएस का बैंकग्राउंड होने के बावजूद भरोसा किया। इसके बदले में मैंने पूरी वफादारी का वादा किया था। हालांकि इस बार जब हाल ही में हम दिल्ली में मिले, तो मैंने उन्हें बता दिया कि मेरी प्रतिबद्धता का समय पूरा हो गया है।

मेरे खिलाफ रची जा रही साजिश
वाघेला ने कहा कि पार्टी में कुछ लोग हैं जो मुझे बाहर करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने राहुल गांधी से कहा कि वे लोग जो मुझे पार्टी से बाहर करना चाहते हैं, पूरे शहर में 'बापू फॉर सीएम' के पोस्टर लगा रहे हैं, बहुत हो गया मैंने अपनी निराशा को बताने के लिए आपको फोन किया था।'

हाई कमान को लिया आड़े हाथों
यूपी में कांग्रेस को मिली करारी हार पर वघेला ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व अपनी गलतियों से सीखना ही नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि हाई कमान को सही वक्त पर सही फैसला लेना चाहिए ताकि उम्मीदवार और कार्यकर्त्ता को चुनाव के लिए तैयारी करने का पूरा समय मिल सके। वहीं वाघेला के संबोधन के बाद उनके सैकड़ों समर्थकों ने अपील की कि वे पार्टी का साथ न छोड़े बल्कि मजबूती से कांग्रेस के साथ जुड़े रहे हैं। वहीं वाघेला ने कहा कि 30 जून को राहुल गांधी से होने वाली मुलाकात में वह अपनी बात रखेंगे।

वाघेला ने 'बागी होकर छोड़ी थी भाजपा
1995 में केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद वाघेला ने ऐतराज जताया था, तब वे भाजपा में थे। कुछ वरिष्ठ नेताओं में वाघेला को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा लेकिन इस प्रस्ताव को न तो वाघेला ने स्वीकार किया और न ही केशुभाई पटेल ने। सितंबर 1995 में 47 विधायकों के साथ उन्होंने भाजपा नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद एक समझौते के तहत वाघेला के वफादार सुरेश मेहता को केशुभाई पटेल की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया। मई 1996 के लोकसभा चुनावों में वाघेला अपनी गोधरा सीट हार गए थे, तब उन्होंने इसे साजिश का हिस्सा बताते हुए पार्टी छोड़ दी थी और अपने समर्थकों को साथ लेकर मेहता सरकार गिरा दी। अक्तूबर 1996 में वाघेला ने राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) बनाई और कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 1998 में आरजेपी का कांग्रेस में विलय हो गया। अब वघेला कांग्रेस हाई कमान से नाखुश नजर आ रहे हैं।


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